नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित पटवारी ने अपनी बहन के फार्म हाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पटवारी ने आत्महत्या से पहले दो पत्र लिखा था।
जानकारी के अनुसार, एक पत्र उन्होंने कलेक्टर के नाम लिखा है, जिसमें तीन दिन के भीतर रिटायर होने की बात कहते हुए बहाल करने की मांग की है। दूसरे पत्र में उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए एक गांव के कोटवार, राजस्व विभाग के अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति पर फंसाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पत्र जब्त कर लिया है।शनिवार को शव का पीएम कराया जाएगा।
सिविल लाइन क्षेत्र के अयोध्या नगर में रहने वाले सुरेश कुमार मिश्रा (62) पटवारी थे। शुक्रवार की दोपहर वे घर से कलेक्टोरेट जाने के नाम पर निकले थे। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। दोपहर करीब तीन बजे वे सकरी क्षेत्र के ग्राम जोकी स्थित अपनी बहन के फार्म हाउस में पहुंचे। वे एक कमरे में चले गए। कुछ देर बाद फार्म हाउस में काम करने वाले श्रमिक वहां पहुंचे तब पटवारी की लाश पंखे पर फांसी के फंदे में लटक रही थी। श्रमिक ने इसकी सूचना सकरी पुलिस को दी।
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सूचना पर पुलिस ने स्वजन की मौजूदगी में पंचनामा की कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान उनकी जेब से दो पत्र मिले। एक पत्र कलेक्टर के नाम था, जिसमें उन्होंने तीन दिन के भीतर रिटायर होने की बात कहते हुए खुद को बहाल करने का आवेदन किया था। दूसरा पत्र सुसाइड नोट था। इसमें उन्होंने खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए एक गांव के कोटवार, राजस्व अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति पर फंसाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पत्र को जब्त कर लिया है। शनिवार को पटवारी के शव का पीएम कराया जाएगा।
पटवारी की मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उनके पास से दो पत्र जब्त किया है। एक पत्र उनका बहाली के लिए लिखा गया पत्र है। दूसरा पत्र उनका सुसाइड नोट है। इसमें उन्होंने तीन लोगों पर गंभीर आरोप लगाया है। सकरी पुलिस इन दोनों पत्र की जांच कराने की बात कह रही है। फिलहाल पुलिस ने स्वजन और उनके जान पहचान वालों का भी बयान दर्ज करने की बात कही है।
पटवारी सुरेश मिश्रा 2017-18 में मस्तूरी के ग्राम ढेका में पटवारी के रूप में पदस्थ थे। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की गई। पटवारी ने रकबा बढ़ाकर निजी लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया। मामला प्रकाश में आने के बाद जिला स्तरीय टीम ने जांच की। इस बीच पटवारी काट्रांसफर तखतपुर के ग्राम भाड़म में हो गया था।
पटवारी सुरेश मिश्रा तखतपुर क्षेत्र के ग्राम भाड़म में पदस्थ थे। इससे पहले वे तोरवा क्षेत्र के ग्राम ढेका में कार्यरत रहे। इसी दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ। जमीन अधिग्रहण के दौरान बंटवारा प्रकरण में गफलत करते हुए कई लोगों को गलत तरीके से मुआवजा सूची में नाम दर्ज कर दिया।
इसकी शिकायत पर राज्य शासन के निर्देश पर जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया। टीम की जांच में कई तरह की गड़बड़ी पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने पटवारी को रिटायर होने से 3 दिन पहले निलंबित कर दिया। साथ ही नायब तहसीलदार को जुर्म दर्ज कराने निर्देश दिया। नायब तहसीलदार की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है।