
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर : मेमू-मालगाड़ी दुर्घटना में घायल युवती ने मंगलवार को अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के बाद उसे गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था, जहां करीब आठ दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद उसने अंतिम सांस ली। इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। मौत की सूचना मिलने के बाद स्वजन व रेलवे के अधिकारी अपोलो अस्पताल पहुंच गए हैं।
गतौरा-लालखदान ओवरब्रिज के बीच चार नवंबर को शाम 4:10 बजे भीषण रेल हादसा हुआ था। गेवरारोड-बिलासपुर मेमू ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में मौके पर ही 11 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 20 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को रेलवे प्रशासन की मदद से शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
इनमें सहायक लोको पायलट रश्मि राज और दो यात्री अपोलो अस्पताल में भर्ती थे। इन्हीं में से एक जांजगीर-चांपा निवासी 19 वर्षीय मेहविश परवीन भी थी, जो हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। वह अचेत भी थी। डॉक्टरों को उम्मीद थी कि उसकी हालत में सुधार होगा, लेकिन आठ दिन बाद मंगलवार की देर रात उसने दम तोड़ दिया।
अपोलो प्रबंधन ने युवती की मौत की सूचना स्वजन और रेल प्रशासन को दी, जिसके बाद रेल अधिकारी अस्पताल पहुंचे। इस हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। रेल प्रशासन की ओर से मृतकों के स्वजन को मुआवजा दिया जाएगा।
18 घंटे बाद क्षतिग्रस्त मेमू इंजन में मेहविश के मोबाइल का बजा रिंगटोन
घटना के दूसरे दिन बुधवार की सुबह 10 बजे एक वाकया हुआ, जिससे सभी हरकत में आ गए। जांच के दौरान क्षतिग्रस्त मेमू इंजन के पास अधिकारी खड़े थे। अचानक एक मोबाइल का रिंगटोन बजने लगा। ध्यान देने पर पता चला कि रिंगटोन उस इंजन से आ रहा है, जिसे घटना के बाद लाइन के किनारे रखा गया था।
स्टाफ ने अंदर जाकर जांच की तो एक पिट्टू बैग मिला, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। दोबारा रिंगटोन बजने पर मोबाइल निकाला गया। यह कॉल एक लड़की की थी, जिसने बताया कि मोबाइल जांजगीर निवासी मेहविश परवीन का है। वह मेहविश की सहेली थी। मेहविश डीपी कॉलेज में पढ़ाई करती थी।
सहायक लोको पायलट वार्ड में शिफ्ट
अपोलो अस्पताल में मेमू ट्रेन की सहायक लोको पायलट रश्मि राज का भी उपचार चल रहा है। मालगाड़ी में टक्कर से पहले वह मेमू से कूद गई थी। इस दौरान उसे गंभीर चोट आई थी। उसकी स्थिति नाजुक थी, लेकिन अब सुधार हुआ है। मंगलवार को रश्मि राज को आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उसकी हालत पहले से ठीक है, हालांकि कुछ दिन और उपचार चलेगा। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा।