नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: मानसून के आगमन के साथ ही प्रदेश का मौसम पूरी तरह बदल चुका है। सभी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। साथ ही गर्म हवाओं का चलना भी बंद हो गया है। अधिकांश इलकों में अच्छी बारिश हो रही है। वहीं प्रदेश के उत्तरी जिलों में भारी बारिश और तूफान की आंशका जताई जा रही है।
मौसम विभाग की मानें तो 20 जून को बिलासपुर, रायपुर सहित प्रदेश के अधिकांश जगहों में गरज चमक के साथ तेज वर्षा का अनुमान है। मौसम वेधशाला के मौसम विज्ञानी डॉ.एचपी चंद्रा के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर झारखंड और उससे लगे गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके धीरे धीरे उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। एक पश्चिमी विक्षोभ, 76 डिग्री पूर्व और 30 डिग्री उत्तर में स्थित है।
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साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में 20 जून को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की आशंका है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है। यानी साफ है कि बिलासपुर में मेघ बरसेंगे।
बिलासपुर में भले ही एक राउंड वर्षा हो चुकी है, लेकिन किसानों को अभी अच्छी वर्षा की प्रतीक्षा है। आमजन भी बरसात का मजा लेने के लिए आतुर है। इंटरनेट पर पिछले साल की फोटो और वीडियो अपलोड कर इमोजी के साथ इंद्रदेव से जल्दी वर्षा कराने प्रार्थना कर रहे हैं। आसमान में बादल तो छाए हुए हैं लेकिन उमस ने लोगों को अभी खूब हलकान कर रखा है।
मानसून के साथ अब वर्षा की गतिविधियों में तेजी आएगी। मौसम विभाग ने उत्तर छत्तीसगढ़ के कई जिलों को अलर्ट भी जारी किया है। ऐसे में घर से बाहर यात्रा पर जाने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए। क्योंकि वर्षा के दौरान नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। निचले इलाकों में जलभराव होने की संभावना होती है। नहरों पर बने निचले पुलों में पानी भर जाता है। खेत जलमग्न हो जाते हैं।
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बहते पानी में न चलें। बाढ़ वाले इलाकों में गाड़ी न चलाएं। सड़कों मे फिसलन का बढ़ जाना। सड़कों पर जलजमाव के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा का समय बढ़ जाता है। भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी आती है। भारी वर्षा से मिट्टी का नर्म होना और पेड़ों का गिरना।
मानसून की दस्तक के साथ ही बाजारों में छाता और रेनकोट की मांग बढ़ गई है। स्कूली बच्चों के लिए अभिभावक खासतौर पर रंग-बिरंगे रेनकोट और छोटे छातों की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। दुकानदारों ने नए डिजाइनों और किफायती दामों में सामान उपलब्ध कराया है। बरसात से बचाव के इन सामानों की बिक्री में रोज़ाना तेजी देखी जा रही है।