राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: झारखंड शराब घोटाला केस में एसीबी टीम ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। आरोपी सिद्धार्थ सिंघानिया बेंगलुरु की सुमित फैसिलिटीज मैनपावर सप्लाई कंपनी का छत्तीसगढ़ प्रमुख है। आरोप है कि झारखंड में 450 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है, जिसकी साजिश रायपुर में रची गई थी।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही झारखंड एसीबी ने आरोपी सिद्धार्थ सिंघानिया को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे और न ही कोई जवाब दिया था। इसके बाद जांच एजेंसी ने विशेष कोर्ट से सिंघानिया के खिलाफ वारंट जारी करने का आवेदन दिया था। 12 जून को कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद झारखंड एसीबी की टीम ने रायपुर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले झारखंड के पूर्व आईएएस अफसर अमित प्रकाश और विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार, झारखंड में छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों को मैनपॉवर सप्लाई का काम मिला था। इनमें सुमित फैसिलिटीज, ईगल हंटर साल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज और प्राइम वन शामिल हैं। इन सभी को काम विनय चौबे के कार्यकाल में काम मिला था। आरोप है कि सिद्धार्थ सिंघानिया का उत्पाद विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे से संपर्क था।
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मई 2022 में लागू हुई झारखंड की नई शराब नीति में सिद्धार्थ सिंघानिया की सक्रिय भूमिका थी। इस नीति को छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर तैयार किया गया था। इसी दौरान सिंघानिया ने झारखंड की सरकारी शराब दुकानों के लिए मैनपॉवर सप्लाई का ठेका भी हासिल किया था। बाद में विवादों के घेरे में आने के कारण राज्य सरकार ने उसकी प्लेसमेंट एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
झारखंड में एसीबी की अब तक की जांच में 38 करोड़ रुपये का शराब घोटाला सामने आया है। इसमें राज्य के वरिष्ठ IAS विनय कुमार चौबे, रिटायर्ड IAS अमित प्रकाश, झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) सुधीर कुमार दास, अभियान प्रभारी सुधीर कुमार और मार्शन इन्नोवेटिव प्लेसमेंट एजेंसी के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह सहित कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसीबी ने घोटाले में कुल 16 लोगों को नामजद किया है।