बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। बेलपहार-हिमगीर के बीच चौथी रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। दो सितंबर को सीआरएस इस सेक्शन का निरीक्षण करने के लिए पहुंचेंगे। 13 किमी के इस सेक्शन का निरीक्षण के बाद यदि उन्होंने लाइन ठीक होने की हरी झंडी दे दी तो इस लाइन पर ट्रेनें दौड़नें लगेंगी। नई लाइन बिछने के कई फायदे हैं। यातायात का दबाव कम होगा। ट्रेनों की समयबद्धता के साथ परिचालन समय में भी सुविधा होगी। यही वजह है कि रेल प्रशासन चौथी लाइन बिछाने के लिए विशेष जोर दे रहा है।
बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन स्वीकृत है। 206 किमी के इस सेक्शन को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया गया। दरअसल नई लाइन बिछाना या अन्य मरम्मत कार्यों का पूरा करना बेहद कठिन होता है। खर्च के साथ नियमित ट्रेनें भी प्रभावित होती हैं। यही वजह है कि धीरे- धीरे ही सही पूरी गंभीरता के साथ लाइन तैयार की जा रही है। इसी के तहत बेलपहार से हिमगीर के बीच चौथी लाइन बिछाने का काम प्रारंभ हुआ। यह तैयार होने के साथ मुख्य लाइन से भी जुड़ गई है।
सभी काम पूरा होने के बाद जब लाइन ट्रेनों के परिचालन लायक हो गई, तब जाकर सीआरएस को निरीक्षण करने के लिए न्योता दिया गया। जब उनकी ओर से हरी झंडी मिलेगी तब ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। हालांकि न्योता देने से पहले स्थानीय स्तर पर रेलवे के अधिकारी अपने स्तर पर लाइन को परखने का काम करते हैं। जब वह संतुष्ट हो जाते हैं, तब जाकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती है। निरीक्षण के दौरान सीआरएस पटरी के अलावा इंजीनियरिंग, सिग्नल एंड टेलीकाम व ओएचई विभाग के द्वारा किए गए कार्यों का बारीकी से जायजा लेते हैं। ट्रैक की मजबूती परखने के लिए मोटर ट्राली से जांच की जाती है।
31 किमी चौथी लाइन हुई पूरी
बेलपहार-हिमगीर के बीच 13 किमी के सेक्शन के निर्माण के बाद 31 किमी चौथी लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। रेलवे बड़ी तेजी से कार्य कर रही है। इससे पहले चांपा-सारागांव व ब्रजराजनगर से बेलपहार तक का हो गया। आने वाले दिनों में इस सेक्शन पर ट्रेनों का परिचालन और बेहतर हो जाएगा।