धमाकेदार व फैंसी पटाखों की बढ़ी डिमांड,स्काई शाट से लेकर पुटपुट और चुटपुट, फ्लावर पाट की इस दीपावली रहेगी पूछपरख
तेज आवाज वालों बम की जगह अब फैंसी पटाखों ने ले ली है। ये पटाखे जलने के बाद सतरंगी छटा बिखेरते हैं, जो देखने में काफी मनमोहक रहता है। बच्चों से लेकर बड़े, बुजुर्गो तक के लिए जमीन से लेकर आसमान तक सतरंगी छटा बिखेरने वाले फैंसी पटाखे पहली पसंद बन चुकी है।
Publish Date: Fri, 18 Oct 2024 08:16:44 AM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Oct 2024 08:16:44 AM (IST)
सांकेतिक चित्रHighLights
- पटाखा बाजार लगाने की तैयारी हो चुकी है।
- 26 अक्टूबर से पटाखा दुकानें लगने लगेंगी।
- इस बार फैंसी पटाखों की मांग जोरों पर रहेगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। दिवाली पर्व को लेकर अब दो सप्ताह ही शेष रह गए हैं। ऐसे में पटाखा बाजार लगाने की तैयारी हो चुकी है। संभवत 26 अक्टूबर से पटाखा दुकानें लगने लगेंगी। इस बीच साल दर साल एक खास बात देखने को यह मिल रहा है कि धमाकेदार बड़े पटाखों के बीच फैंसी पटाखों ने खास जगह बना ली है। इस बार की दिवाली में भी फैंसी पटाखों की मांग जोरों पर रहेगी। आसमान में फुटने के साथ जमीन पर जलाए जाने वाले फैंसी पटाखें अब लोगों की पहली पसंद है।
एक जमाना था जब दिवाली में बड़े-बड़े दमदार आवाज वाले बम जलाए जाते थे। इसकी आवाज से पूरा वातावरण गूंज जाता था। उस दौर में फैंसी पटाखों की इतनी पूछपरख नहीं हुआ करती थी, लेकिन समय बदलने के साथ ही दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखों का स्वरूप भी बदला है। अब बड़े दमदाम पटाखों को जलाने के लिए जगह ही नहीं बची है। यदि कोई बड़ा बम फोड़ता है, तो उसे रोकने के लिए कई सामने आ जाते हैं। लोगों का कहना रहता है कि आवाज बहुत तेज है, जिससे परेशानी होती है। वही इस तरह की परेशानियों ने पटाखा बाजार में बदलाव ला दिया है।
ऐसे में इस दिवाली में भी फैंसी पटाखों की धूम रहेगी।
स्काई शाट, 12 शाट के साथ ही 24, 60, 120 के साथ 240 शाट पटाखा प्रेमियों की पहली पसंद हैं, जो आसमान में सतरंगी छठा बिखेर देते हैं। इसी तरह छोटे बच्चों को जमीन में जलाए जाने वाले पुटपुट, चुटपुट, कलर फ्लावर पाट, कलर लाइट, कलर चकरी और रंगबिरंगे फुलझड़ी के रूप में बनाए जाने वाले फैंसी पटाखे काफी पसंद आते हैं।
दमदार है स्वदेशी पटाखें
इस बार विजयादशमी पर्व भी रावण का पुतला दहन करने के लिए बड़ी संख्या में स्वदेशी पटाखों की बिक्री हुई। सभी पटाखे दमदार रहे। इसमें किसी तरह की खामियां नहीं मिली है। साफ है कि स्वदेशी पटाखों में लोगों को कोई कमी नहीं मिली है। इसे लेकर पटाखा जलाना पसंद करने वाले भी खुश हैं। ऐसे में दिवाली में भी स्वदेशी फैंसी पटाखे सबसे ज्यादा जलाए जाएंगे।
कुछ हद तक सस्ते हुए हैं पटाखें
पटाखा बाजार का पूरी तरह से स्वदेशीकरण होने का फायदा भी लोगों को मिल रहा है। चिल्हर अस्थाई पटाखा संघ के जिला अध्यक्ष सुनील बाजपेयी ने बताया कि देश में सभी प्रकार के पटाखे बनने से इनकी लागत घटी है। इसका असर बाजार में भी देखने को मिलेगा। पूर्व वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष कुछ हद तक पटाखों के दामों में कमी भी आई है। ऐसे में इस बार लोग ज्यादा पटाखे ले सकेंगे।