नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: संस्कारधानी के हृदय स्थल मसानगंज में इस साल दुर्गा पूजा का रंग कुछ हटकर होगा। नवयुवक दुर्गोत्सव समिति अपने 57वें साल में मां दुर्गा का दरबार पांच लाख गुपचुप से सजा रही है। पंडाल ही नहीं, देवी की प्रतिमा भी गुपचुप पर विराजमान होंगी।
कोलकाता से आए कारीगर इस अनोखे पंडाल को तैयार करेंगे। पांच दिनों तक भोग-प्रसाद के रूप में भक्तों को गुपचुप ही परोसा जाएगा। मसानगंज की नवयुवक दुर्गोत्सव समिति हर साल नए-नए प्रयोगों के लिए जानी जाती है। पिछले साल यहां दो लाख चाकलेट से माता का रूप और पंडाल सजाया गया था, जिसने भक्तों का दिल जीत लिया था। इस बार समिति ने और भी बड़ा प्रयोग किया है।
अध्यक्ष नवीन रूपानी ने बताया कि, कण-कण में देवी-देवता का वास है, इसलिए इस बार गुपचुप को ही आधार बनाया गया है। करीब पांच लाख गुपचुप से पंडाल का निर्माण होगा। इसके लिए कोलकाता से 20 कारीगर बुलाए गए हैं, जिन्होंने 14 सितंबर से काम शुरू कर दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि मां दुर्गा की प्रतिमा भी गुपचुप पर ही विराजमान होगी। ध्यान मुद्रा में माता का दर्शन भक्त कर सकेंगे।
इस अनोखे पंडाल की तैयारी के लिए कोलकाता से 20 अनुभवी कारीगर बुलाए गए हैं। जो कल से पंडाल निर्माण कार्य शुरू करेंगे। गुपचुप को दोना में रखकर इन्हें अद्भुत आकार दिया जाएगा। कारीगरों का कहना है कि यह काम कला और धैर्य दोनों का अनोखा मेल है। समिति का दावा है कि इस बार का पंडाल शहर का सबसे बड़ा आकर्षण बनेगा और लोगों की जिज्ञासा चरम पर रहेगी।
गुपचुप के इस अनोखे पंडाल में कई आकर्षण होंगे। 10-10 फीट ऊंचाई वाले तीन विशाल गुपचुप श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत नजारा होंगे।
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समिति के सचिव संजय वर्मा ने बताया कि आकर्षण बढ़ाने के लिए पंडाल में गुपचुप बनाने वाले पारंपरिक सामान जैसे बेलना, चौकी, झारा और टोकनी भी सजाए जाएंगे, जिन्हें सहारनपुर से विशेष आर्डर पर मंगाया गया है। पंडाल के बाहर-बाहर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की जाएगी, ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर मां के दर्शन कर सकें। गुपचुप भी यहीं तैयार किया जाएगा।