
नईदुनिया प्रतिनिधि,बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बिलासपुर के अधिकांश सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए अग्निशमन यंत्र की सुविधा नहीं है। जहां यह उपलब्ध हैं, वहां सालों से रिफिलिंग न होने के कारण बेकार पड़े हुए हैं। शिक्षकों ने रिफिलिंग के लिए फंड न होने को कारण बताया। स्कूलों में आग लगने की स्थिति में हालात कितने गंभीर हो सकते हैं, इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।
सरकारी स्कूलों में आगजनी की स्थिति में फायर सेफ्टी व्यवस्था क्या है, इसकी जांच के लिए नईदुनिया टीम ने बुधवार को कुछ शहरी स्कूलों का निरीक्षण किया। कुछ स्कूलों में पता चला कि उन्हें कई वर्ष पहले फायर इंस्टिग्यूशर सिलिंडर दिए गए थे, जो अब खाली पड़े हैं और रिफिलिंग नहीं कराई गई है। कई स्कूलों में प्राचार्यों ने स्वीकार किया कि उनके यहां अग्निशमन यंत्र उपलब्ध ही नहीं है। कुछ स्कूलों के स्टाफ को यह भी पता नहीं था कि कभी फायर एक्सटिंग्यूशर दिया गया था या नहीं। शिक्षा विभाग की यह लापरवाही दर्शाती है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश केवल औपचारिकता बनकर रह गए हैं और निगरानी पूरी तरह बंद है।
राजेंद्र नगर स्कूल - सिलिंडर खाली, रिफिलिंग के लिए फंड नहीं
राजेंद्र नगर स्थित गजानन सारथी स्कूल में प्राचार्य ने बताया कि वर्षों पहले अग्निशमन यंत्र दिया गया था, लेकिन रिफिलिंग के लिए फंड जारी नहीं हुआ। टीम ने देखा कि सिलिंडर एक कोने में निष्प्रभावी अवस्था में पड़ा था। रिफिलिंग वर्ष 2012 और फिर 2015 में हुई थी, इसके बाद सिलिंडर धूल खाता पड़ा है।
आंबेडकर स्कूल -सिर्फ बाल्टी थी, वह भी चोरी हो गई
स्वामी आत्मानंद डॉ. बीआर आंबेडकर उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य गोपाल मिश्रा ने बताया कि स्कूल को अग्निशमन यंत्र दिया ही नहीं गया। फायर सेफ्टी के लिए रखी गई एक बाल्टी थी, जो चोरी हो गई। आपात स्थिति में स्कूल में बोरिंग का उपयोग किया जा सकता है या पुलिस एवं फायर ब्रिगेड से संपर्क किया जाएगा।
लाजपतराय स्कूल - प्राचार्य को ही नहीं जानकारी
स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल, लाला लाजपतराय नगर में फायर सेफ्टी सिलिंडर है या नहीं, इस पर प्राचार्य अनामिका तिवारी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में ज्वाइन किया है और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। स्टाफ को भी पता नहीं था कि स्कूल में अग्निशमन यंत्र मिला था या नहीं।
जिम्मेदारों का क्या कहना है
विजय तांडे, जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि "फायर सेफ्टी के लिए स्कूलों को अग्निशमन यंत्र सालों पहले उपलब्ध कराए गए थे। अधिकांश स्कूलों में यह मौजूद हैं। वर्तमान में रिफिलिंग की स्थिति है, स्कूलों से मांग होने पर उच्च कार्यालय को बताया जाएगा।"