बिलासपुर। जोनल स्टेशन में आरएमएस से गजरा चौक तक निर्माणाधीन थ्रू फुट ओवरब्रिज में अंतिम गर्डर चढ़ाने का काम शनिवार को पूरा हो गया है। इस गर्डर के स्थापित होते ही सालों से अधूरा यह ब्रिज स्टेशन के उस पार से जुड़ गया है। अब बचे कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा। इसके बाद रेलकर्मी, स्कूली बच्चे व अन्य लोगों की राह आसान हो जाएगी। उन्हें अंडरब्रिज या ओवरब्रिज से घूमकर जाना नहीं पड़ेगा।
रेलवे की ओर से बुनियादी ढांचे के विकास नवाचार, नेटवर्क क्षमता में विस्तार व अधोसंरचना से जुड़े कार्यो को प्राथमिकता के साथ कर रही है। बिलासपुर स्टेशन के नागपुर छोर में स्टेशन के दोनों तरफ सीधी आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एंड टू एंड थ्रू फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा था। वैसे तो यह कार्य करीब सात से आठ साल से चल रहा था। लगभग कार्य भी पूरा हो गया है। केवल गर्डर लाचिंग का काम बाकी था। इसको लेकर कई तरह की तकनीकी अड़चनें आ रही थीं। ठेकेदार की ओर से भी कार्य को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस वजह सभी काम में देरी हुई। इस कार्य को शीघ्र पूरा करने अंतिम गर्डर लांचिंग की तकनीकी दिक्कतों का समाधान करते हुए शनिवार को इस फुट ओवरब्रिज के अंतिम गर्डर को ब्लाक लेकर स्थापित कर दिया गया है। इस दौरान सुरक्षा के सभी मानकों के अनुपालन के साथ अधिकारियों के नेतृत्व में कर्मचारियों द्वारा सजगता एवं सतर्कता से कार्य को पूरा किया गया। गर्डर लांचिंग के दौरान मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पांडेय भी उपस्थित रहे, ताकि कर्मचारियों का हौसला बढ़ा रहे। इस कठिन कार्य के दौरान आठ ट्रेनों को भी रद किया गया था। इस ब्रिज का काम पूरा होने का सबसे ज्यादा इंतजार स्टेशन उस पार रहने वाले रेलकर्मी, स्कूल बच्चे व ग्रामीणों को है। इससे स्टेशन इस पार आने में परेशानी नहीं होगी। पहले उन्हें तारबाहर या चुचुहियापारा अंडरब्रिज व चुचुहियापारा ओवरब्रिज तक घूमकर जाना पड़ता था।
400 मीट्रिक क्षमता वाली क्रेन से उठाया
गर्डर चढ़ाने के इस कार्य में पूरा अमला लगा हुआ था। भारी संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियों की उपस्थिति के अलावा मशीनों का भी सहारा लिया गया। इसमें प्रमुख 400 टन मीट्रिक टन क्षमता वाली रोड क्रेन भी शामिल है। इसी के जरिए धीरे-धीरे गर्डर को ओएचई के ऊपर से उठाकर ब्रिज में रखा गया। दोनों सिरे को रस्सी से बांधकर कर्मचारी गर्डर को इधर-उधर जाने से रोकते रहे। बैलेंस के लिए एक कर्मचारी गर्डर के अंदर बैठाकर रखा गया था। भारी मशक्कत के बाद गर्डर को स्थापित किया गया। इसके तुरंत बाद वेल्डिंग और नट-बोल्ट से टाइट किया गया।
आठ साल में पूरा हो कार्य
इस फुट ओवरब्रिज का पूरा होने के लिए लोग आठ साल से इंतजार कर रहे हैं। अब जब अंतिम गर्डर स्थापित हो गया, लोगों की उम्मीद है कि जल्द इस सुविधा का लाभ उन्हें मिलने लगेगा। हालांकि बीच में जब काम अटक तो उन्हें भरोसा नहीं था कि यह सुविधा मिल पाएगी या नहीं।
फैक्ट फाइल
गर्डर की संख्या - आठ
एक की लंबाई - 26 मीटर
फुट ओवरब्रिज की लंबाई - 209 मीटर
चौड़ाई - 2.5 मीटर