बिलासपुर। Navratri 2020: गौरेला -पेंड्रा -मरवाही जिला और बिलासपुर के बीच भनवारटंक रेलवे स्टेशन है। जंगल के बीचों-बीच होने के कारण दुर्गम स्थल में से एक है। स्टेशन के पास ही मरही माता मंदिर है। श्रद्धालुओं की आस्था गहरी होने के कारण मंदिर में सदैव भीड़ लगी रहती है। वर्ष के दोनों नवरात्र पर ज्योति कलश स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है। यहां श्रद्धालु नारियल बांध कर मनौती मांगते हैं और पूरी होने पर दर्शन करने पहुंचते हैं।
भनवारटंक रेलवे स्टेशन के पास प्रकृति ने दोनो हाथों से सुंदरता बांटी है जो अकल्पनीय है। वृक्षों के कारण सघन वन है। वन्यजीव होने के कारण रात में लोग घरों से कम ही निकलते हैं। स्टेशन के पास ही कुछ दुकानें नारियल अगरबत्ती के लिए है। बाकी अन्य दुकानें दूर बस्ती खोडरी में है। क्षेत्र किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है दूर- दूर तक घने जंगल है। मरही माता की महिमा ऐसी है कि यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी पड़ जाती है।
यात्री बिना दर्शन के पार नहीं करते हैं मंदिर रेलवे ट्रेक के पास में है विशेषकर नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है। यहां मध्य प्रदेश सहित काफी दूर- दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पहले माता चौरा में पूजा अर्चना की जाती थी। मंदिर का निर्माण 1984 में इंदौर बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस रेल दुर्घटना के बाद किया गया था। नर्मदा एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी।
आज भी मालगाड़ी के कुछ हिस्से यहां ट्रेक के आसपास है। रेल दुर्घटना के बाद रेलवे और वन विभाग के कर्मचारियों ने यहां मरही माता की मूर्ति को मंदिर में विराजित किया था। मान्यता है कि मरही माता ही उनकी रक्षा करती हैं।