नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। मानिकपुर से ठेका-धुमा की 6 किमी लंबी सड़क अब जानलेवा बनती जा रही है। बड़े-बडे गड्ढे व कीचड़ पर चलना मुश्किल भरा सफर होता जा रहा है। 7.31 करोड़ की लागत से बनने वाली यह सड़क, स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन पाई है। ग्रामीणों का कहना है सड़क को जर्जर हुए 15 साल से अधिक का समय बीत चुका है। बावजूद इसके जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। बुधवार को 16 ग्राम पंचायतों के सरपंच व जनप्रतिनिधि सड़क बनाने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे।
प्रतिनिधियों का कहना है कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। हाल ही में एक मासूम बच्चा गड्ढे में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। बरसात में बड़े गड्ढों में पानी भरने से खतरा और बढ़ गया है। किसान, मजदूर और स्कूली बच्चों को रोजाना इस खस्ताहाल रास्ते से होकर गुजरना मजबूरी बन चुकी है। प्रतिनिधियों का कहना है कि सड़क सीधे एनएच 49 से जुड़ती है।
बावजूद इसके यहां किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीणों को हर पल हादसे का डर बना रहता है। राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा इतना अहम मार्ग जर्जर हालत में है, तो विकास योजनाओं की हकीकत खुद-ब-खुद सामने आ जाती है।
16 गांव के सरपंचों ने बताया कि उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए पूर्व में सड़क पर धान बो दिया था। इसके पहले वे विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव बहिष्कार भी कर चुके हैं। उस दौरान कलेक्टर ने उन्हें साल भर के अंदर सड़क बनने का आश्वासन दिया था। लेकिन दो साल बीतने को हैं, अब तक सड़क निर्माण को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
जनपद सदस्य (स्वच्छता समिति) सौरभ मौर्य व अन्य सरपंचों का कहना है कि पंचायत चुनाव से पहले सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। सात-आठ महीने बीत जाने के बाद भी न तो काम शुरू हुआ और न ही विभागीय स्तर पर कोई स्पष्ट जानकारी दी जा रही है। 10 दिनों के अंदर अगर सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ तो 11 वें दिन एनएच 49 को जाम कर अपनी मांग रखेंगे।