Sign language: साइन लैंग्वेज बना मूकबधिर युवाओं का सशक्त माध्यम
मूकबधिरों के लिए साइन लैंग्वेज (सांकेतिक भाषा) बातचीत का सिर्फ अनूठा माध्यम नहीं रह गया है, अब यह उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इसकी सहायता से मूकबधिर अब यूट्यूब कंटेंट, मूवीज़ और खेल प्रतियोगिताओं का भी आनंद ले रहे हैं। साइन लैंग्वेज के ज़रिए ये युवा अपनी आवाज़ पूरी दुनिया तक पहुँचा रहे हैं।
Publish Date: Mon, 23 Sep 2024 10:04:05 AM (IST)
Updated Date: Mon, 23 Sep 2024 10:04:05 AM (IST)
विश्व साइन लैंग्वेज दिवस के लिए प्रतीकात्मक फोटोHighLights
- साइन लैंग्वेज की सहायता से समाचार से लेकर पढ़ाई।
- सिनेमा और खेलों तक के विषय मे कर रहे हैं संवाद।
- मूकबधिर युवा अपनी आवाज़ पूरी दुनिया तक पहुँचा रहे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। बिलासपुर तिफरा स्थित मूकबधिर शाला में इस वक्त 95 छात्र-छात्राए पढ़ाई कर रहे हैं। यहा के शिक्षक और साइन लैंग्वेज विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा बताते हैं कि साइन लैंग्वेज में मूकबधिर बच्चों को मुख्यतः अल्फाबेट का ज्ञान दिया जाता है। वे बताते हैं कि हर देश और हर क्षेत्र में साइन लैंग्वेज में कुछ भिन्नता होती है, सब एक तरह के नहीं होते। वहीं, अल्फाबेट सभी जगह लगभग समान होते हैं। प्रदीप शर्मा कहते हैं कि स्कूल लेवल की पढ़ाई के बाद भी इनके लिए पढ़ाई की व्यवस्था है, जैसे ललित कला की पढ़ाई (बीएफए) या सामान्य बीए, कंप्यूटर सहित अन्य। वे यह भी बताते हैं कि आज इंटरनेट ने इनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।
यूट्यूब पर देखना पसंद कर रहे कंटेंट
शहर के मुखबधिर युवा सौम्य शेखर तिवारी ने साइन लैंग्वेज की सहायता से नईदुनिया की टीम से बात करते हुए समझाया कि उन्हें समाचार देखना बेहद पसंद है। इसके लिए वे यूट्यूब का सहारा लेते हैं। उन्होंने अपने फोन से यूट्यूब खोलकर बताया कि अब ऐसे कई कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो साइन लैंग्वेज का उपयोग कर अपना कंटेंट बना रहे हैं। साइन लैंग्वेज ने उनके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक सुलभ और उपयोगी बना दिया है।
खेलों में भी हो रहा है साइन लैंग्वेज का उपयोग
सौम्य बताते हैं कि वह मूवी देखने के लिए सबटाइटल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं जो चीजें समझ में नहीं आतीं, उनके लिए वे साइन लैंग्वेज एक्सप्लेनेशन देख लेते हैं। वे बताते हैं कि क्रिकेट, फुटबॉल सहित अन्य खेलों के पूरे मैच का सारांश साइन लैंग्वेज में देखते हैं। वे यह भी बताते हैं कि इंटरनेट मीडिया जैसे व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम से वे अपने दोस्तों से हर रोज़ वीडियो कॉल पर साइन लैंग्वेज के ज़रिए बात करते हैं।