
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सब्जी उत्पादक किसान अब लाल भिंडी की खेती कर सकेंगे। नई प्रजाति की इस भिंडी का रंग लाल और बैंगनी होता है। सबसे खास बात यह है कि भिंडी की यह प्रजाति हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) को नियंत्रण में रखती है और कोलेस्ट्राल भी कम करती है। पोषक तत्वों की मौजूदगी प्रमाणित होने के बाद इसे सुपर फूड की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र बिलासपुर में इसे लेकर काफी समय से शोध कार्य चल रहा था। इसमें उद्यानिकी महाविद्यालय, पाटन के अधिष्ठाता डा.अमित दीक्षित का विशेष योगदान है। क्योंकि वे इसकी खेती से लेकर गुणों की सीधी निगरानी कर रहे थे। अब यह पता चला है कि ऐसे व्यक्ति जो उच्च रक्तचाप और बढ़ते कोलेस्ट्रोल से पीड़ित हैं, उन्हें राहत मिलेगी। वहीं ऐसे सब्जी उत्पादक किसान जो उद्यानिकी फसलों की खेती में हमेशा कुछ नया करने की सोच रखते हैं, उन्हें सब्जी की ढेर सारी किस्मों के बीच भिंडी की ऐसी प्रजाति मिलने जा रही है, जिसका रंग लाल और बैंगनी होगा। लाल भिंडी के नाम से यह खेतों में पहुंचेगी और उन मरीजों को लाभ पहुंचाएगी जो पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी के सेवन को प्राथमिकता देते हैं।
जानिए लाल भिंडी को
डा.अमित ने बताया कि द इंडियन इंस्टीट्यूट आफ हार्टिकल्चर रिसर्च बेंगलुरु की ओर से 2019 में पहली बार काशी लालिमा के नाम से इस नई प्रजाति को लाल भिंडी के नाम से विकसित किया गया था। उच्च पोषक तत्वों से भरपूर इस नई प्रजाति को किसानों के बीच लाल भिंडी के नाम से पहचान मिली। यह इसलिए क्योंकि इसका रंग लाल और बैंगनी होता है। रिसर्च में भिंडी की इस प्रजाति में कोलेस्ट्रोल कम करने के गुणों का खुलासा हुआ है। वहीं आम हो चली हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी को नियंत्रित करने के भी गुण मिले हैं।
इसलिए सुपर फूड
इसमें एंटीआक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम और फाइबर तो होता ही है। साथ ही आयरन और सोडियम की भी भरपूर मात्रा होती है। विटामिन ए, के, सी, बी-6 की भी मौजूदगी मिली है। 94 प्रतिशत पालीअनसैचुरेटेड फैट होने की वजह से कोलेस्ट्रोल कम करने में मदद मिलती है। 66 प्रतिशत सोडियम की मात्रा उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखती है। आयरन की उपस्थिति एनिमिया की संभावना कम करती है। पांच प्रतिशत प्रोटीन चयापचय प्रणाली को क्रम में रखता है। एन्थोसाइमिन और फेनोलिक्स जैसे तत्व सूजन रोधी क्षमता बढ़ाते हैं।
बोनी के लिए उपयुक्त महीना
लाल भिंडी की बोनी फरवरी और अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में की जा सकती है। नवंबर के महीने में भी इसे बोनी के लिए उपयुक्त पाया गया है। नई प्रजाति में सबसे खास यह है कि रबी और खरीफ दोनों सत्र में इसकी फसल ली जा सकती है। देश में इस समय लाल भिंडी की व्यावसायिक खेती आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान कर रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
लाल भिंडी की नई प्रजाति किसानों के लिए वरदान बनेगी। व्यावसायिक खेती के लिए अपने छत्तीसगढ़ में अच्छी संभावना है। इसमें पर्याप्त पोषक तत्व है, जो उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होगी।
डा. अमित दीक्षित, डीन, उद्यानिकी महाविद्यालय, पाटन (दुर्ग)