Bilaspur Railway News: कब पटरी पर लौटेगी गरीबों की सुपरफास्ट अंत्योदय एक्सप्रेस
कोरोना के कारण मार्च 2020 से बंद है परिचालन,बिलासपुर स्टेशन से गुजरतीं थीं तीन अंत्योदय ट्रेनें
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sun, 19 Mar 2023 09:27:47 AM (IST)
Updated Date: Sun, 19 Mar 2023 09:27:47 AM (IST)

बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना की वजह से जिन- जिन ट्रेनों का परिचालन बंद था, वे पटरी पर दौड़ने लगी हैं। लेकिन, महत्वपूर्ण व सुविधाजनक ट्रेन अंत्योदय एक्सप्रेस का परिचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। यात्री इस ट्रेन के चलने का इंतजार कर रहे हैं।
वर्ष 2017 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन को दो अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिली थी। मार्च 2020 के बाद से यह ट्रेन बंद है। यह कब तक शुरू होगी, इसकी भी कोई जानकारी दी गई है। रेलवे में इसको लेकर चर्चा तक नहीं हो रही है। जबकि अंत्योदय एक्सप्रेस चलने से कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को कम पैसों में अधिक सुविधा के साथ सुपर फास्ट ट्रेन में सफर का मौका मिल रहा था।
कोरोना के नाम पर ट्रेनें तीन साल से बंद हैं। इन ट्रेनों के सभी कोच अनारक्षित होते थे। लेकिन, सुविधा स्लीपर की तरह होती थी। इसके कारण यह ट्रेन काफी लोकप्रिय होने लगी थी। 2017 से 22895 / 22896 दुर्ग-फिरोजपुर और 14719/14720 बिलासपुर-बीकानेर बिलासपुर अंत्योदय एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को मिली थी। इसी के साथ 22885/22886 टाटानगर लोकमान्य तिलक टर्मिनस अंत्योदय एक्सप्रेस की सुविधा थी।
मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के समय ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था। इनमें से अब लगभग सभी ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं। लेकिन, जोन की यह दोनों ट्रेनें अभी तक पटरी पर नहीं आई हैं। यात्री अब पूछने लगे हैं कि रेलवे जोन के अधिकारी इस ट्रेन की अनदेखी क्यों कर रहे हैं। जिस तरह की स्थिति है, उससे तो यही लग रहा है कि इसकी सुविधा मिलना अब मुश्किल है। अधिकारी इस ट्रेन को लेकर चर्चा तक नहीं कर रहे हैं।
क्या थी अंत्योदय एक्सप्रेस की योजना
भारतीय रेलवे द्वारा समाज के सबसे कमजोर वर्ग को ट्रेन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई ट्रेनों की एक विशेष श्रृंखला है। टिकट बुक करने के लिए सक्रिय आरक्षण प्रणाली के साथ ट्रेनें रात भर चलने वाली प्रणाली का पालन करती हैं। ट्रेनों को आधिकारिक तौर पर 2016 में लांच किया गया था।