
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नेवसा की छात्रा पूनम रजक की आत्महत्या के मामले की विभागीय जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। जांच टीम ने गवाहों के बयान में पाया है कि मृतका को प्रताड़ित करने के आरोपित शिक्षक रमेश साहू एलबी अपने शासकीय ड्यूटी पूर्व माध्यमिक शाला कडरी, रतनपुर में सिर्फ हाजिरी लगाकर अपने भाई के निजी स्कूल में आ जाते थे।
निजी स्कूल की प्राचार्य उनकी पत्नी स्कूल का संचालन कर रही थीं। जांच में शिक्षक व स्कूल प्रबंधन पर लगे आरोप की पुष्टि होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट जेडी कार्यालय भेजकर कठोर से कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की है।
आरोप है कि कक्षा 9वीं की छात्रा पूनम रजक ने 22 सितंबर को स्कूल प्रबंधन और रमेश साहू शिक्षक एलबी की मारपीट और अपमान से क्षुब्ध होकर आत्मघाती कदम उठाया था। इस घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी विजय तांडे ने तीन सदस्यीय टीम जिसमें कन्हैया लाल फरवी, नसीम बेगम, दीप्ति गुप्ता को दो दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
टीम ने मृतका के स्वजन और घटना के दौरान मौजूद छात्र-छात्राओं के बयान दर्ज कर निष्कर्ष निकाला है कि स्कूल में हुई घटना की पुष्टि जांच में हो चुकी है। रिपोर्ट में सभी संदिग्धों, जिनमें रमेश साहू, शिक्षक आतिश रात्रे व प्राचार्य मौके पर मौजूद थे, लेकिन छात्रा के साथ हुई मारपीट का किसी ने विरोध नहीं किया। इसकी वजह से अपमानित होकर छात्रा ने आत्मघाती कदम उठा लिया।
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जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि रमेश साहू सिविल सेवा आचरण नियम 1965-1966 का उल्लंघन करते हुए शासकीय सेवक होते हुए भी निजी शिक्षण संस्थान सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और बीआर साव महाविद्यालय नेवसा का संचालन किया करते थे। जांच में यह भी पता चला कि संस्थान उनके भाई उमेश कुमार साहू द्वारा संचालित है, जबकि रमेश साहू की पत्नी अंजना साहू स्कूल की प्राचार्य हैं।
जांच रिपोर्ट में कई जानकारियां सामने आई हैं। मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हमने रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए संयुक्त संचालक को कापी भेजकर कठोर से कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की है।
-विजय तांडे जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर