
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के ईई से भेंटकर एयरपोर्ट का काम प्राथमिकता से करने को कहा। एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और टर्मिनल विस्तार के कार्य लंबित हैं। इनके पूरे होने से उड़ानों की संख्या बढ़ेगी।
राशि स्वीकृत होने के बाद भी काम शुरू नहीं होने पर समिति ने ईई कापसे में मुलाकात की। इस दौरान ईई ने बताया कि अभी केवल 10 करोड़ की राशि पीडब्ल्यूूडी के खाते में डाली गई है। जबकि काम 24 करोड़ के होने है। इस पर समिति ने कहा कि इस स्तर पर पूरी राशि का होना महत्वपूर्ण नहीं है। राशि की उपलब्धता वर्क आर्डर के समय देखी जाती है। अभी तो टेंडर होने और ठेकेदार चयनित होने में एक माह लग जाएगा। तब तक पूरी राशि आ ही जाएगी। अन्यथा काम दो हिस्सों में करवाया जाए। इस पर पीडब्ल्यूडी के ईई कापसे ने एयरपोर्ट में डायरेक्टर और सुरक्षा अधिकारी के पद संविदा के होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने में जवाबदारी किसकी होगी।
इस पर समिति ने कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि यह आपका विषय नहीं है और शासन ने यह निर्णय लिए है। साथ ही बिलासा बाई केंवट एयरपोर्ट कलेक्टर बिलासपुर के अधीन है और उनके अधीन पीडब्ल्यूडी को एजेंसी के रूप में कार्य करना है। इस कारण यह सारी आपत्तियां किनारे कर पीडब्ल्यूडी को अपना काम तेजी से करना चाहिए। इसके बाद ईई कापसे ने फोर सी के प्रोजेक्ट के लिए कंसलटेंट ना होने का मुदा उठाया। इस पर समिति ने साफ किया कि वर्तमान में जो काम किया जाने वाला है, उसका इससे कोई संबंध नहीं है।
ऐसे में इन बातों के कारण नाइट लैंडिंग और टर्मिनल बिल्डिंग विस्तार के काम को विलंब नहीं किया जा सकता। बातचीत के बाद ईई कापसे ने एक सप्ताह में नाइट लैंडिंग और टर्मिनल बिल्डिंग विस्तार के काम की तकनीकी स्वीकृति जारी होने की उम्मीद जताई और कहा की इसके तुरंत बाद टेंडर जारी होगा। समिति ने कहा कि पीडब्ल्यूडी से आम जनता को बहुत उम्मीद है। इसलिए किसी भी काम को अनावश्यक ना लटकाया जाए। प्रतिनिधि मंडल में संजय पिल्लै, नवीन वर्मा, देवेंद्र सिंह, समीर अहमद, बद्री यादव, अनिल गुलहरे, विजय वर्मा, अश्विनी ताम्रकार और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।