Bilaspur News: मच्छरों से मिलेगा राहत, गम्बूजिया खाएंगे लार्वा
Bilaspur News: डेंगू, मलेरिया को लेकर कोटा ब्लाक सबसे ज्यादा संवेदनशील है।
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Wed, 28 Jun 2023 05:07:24 PM (IST)
Updated Date: Wed, 28 Jun 2023 05:07:24 PM (IST)

Bilaspur News: बिलासपुर। डेंगू व मलेरिया जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए अब शासन स्तर पर नई युक्ति अपनाई जा रही है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि मच्छरों के लार्वा खाने वाली गम्बूजिया मछली का हेचरी तैयार किया जाए और इसे लार्वा पनपने वाले तालाब, डबरी आदि में डाला जाए, ताकि इन लार्वा का पूरी तरह से सफाया हो सके।
शासन स्तर पर निर्देशित किया गया है कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हेचरी का निर्माण कराया जाए। वही इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले के पांचों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हेचरी निर्माण का निर्देश दे दिया है। इसके तहत सबसे पहले रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हेचरी का निर्माण शुरू कर दिया गया है। हेचरी बनने के साथ ही इसमे गम्बूजिया मछली डालकर उनका पालन किया जाएगा। जैसी ही इन छोटो मछलियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे ही इन्हीं ऐसे डबरे, तालाब व अस्थाई जलभराव वाले जगह में डाला जाएगा, जहां पर मच्छर के लार्वा मिलेंगे। सीएमएचओ डा़ राजेश शुक्ला ने बताया कि निर्देश दे दिया गया है। आने वाले महिने में सभी केंद्रों में हेचरी तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद लार्वा को खत्म करने का काम किया जाएगा, जिससे मलेरिया व डेंगू के मच्छरों की संख्या में कमी आएगी और बीमारी को फैलने से रोका जा सकेगा।
कोटा क्षेत्र है सबसे ज्यादा संवेदनशील
डेंगू, मलेरिया को लेकर कोटा ब्लाक सबसे ज्यादा संवेदनशील है। क्षेत्र में वनांचल गांव मौजूद है। जहां से हमेशा मलेरिया व डेंगू के मामले सामने आते रहते है। इन्ही कारणों से क्षेत्र में 35 हजार मच्छरदानियों का वितरण किया गया है। वही अब इन क्षेत्र के तालाब, डबरा आदि जगह गम्बूजिया मछली छोड़ा जाएगा।
दो माह में तैयार हो जाते है मछली
पहले गम्बूजिया मछली को रायपुर स्थित प्रदेश के मुख्य हेचरी से खरीदा जाता रहा है। लेकिन अब इसका पालन होगा। जानकारी के मुताबिक यह छोटी मछली दो महिने में तैयार हो जाती है जो प्रमुख से रूप से मच्छरों का लार्वा खाने का ही काम करती है।