महिला समूहों और मछुआ समितियों को मिली बड़ी आर्थिक सहायता, उत्पादन में भी वृद्धि
वर्ष 2023-24 में कुल उत्पादन 805 टन तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 800 टन था।महिला स्वसहायता समूहों और मछुआ समितियों ने शासन की 50 प्रतिशत छूट योजना का भरपूर लाभ उठाया है। इसके चलते उनकी आय में सुधार हो रहा है और पारिवारिक स्थिति बेहतर हो रही है।
Publish Date: Wed, 30 Oct 2024 10:13:41 AM (IST)
Updated Date: Wed, 30 Oct 2024 10:13:41 AM (IST)
मछली पालन को कृषि का दर्जाHighLights
- मछुआरों के लिए उन्नत मछली बीज और बीमा योजना से सुरक्षा का एहसास।
- मछली पालन को कृषि का दर्जा मिलने से उत्पादन में पांच टन की बढ़ोतरी।
- जिले के 4,940 तालाबों में मछली पालन का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
नईदुनिया प्रतिनिधि बिलासपुर। मछली पालन को कृषि का दर्जा मिलने के बाद जिले में मछली उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। जिले के 4,940 तालाबों में मछली पालन का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जिससे इस वर्ष मछली उत्पादन में पांच टन की वृद्धि दर्ज की गई है।
मछुआ समितियों और महिला स्वसहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका के नए अवसर मिल रहे हैं। मछली पालन को कृषि का दर्जा मिलने से अब इस क्षेत्र में नवाचार और आर्थिक सुदृढ़ता देखने को मिल रही है। मछली पालन अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। खासकर महिला समूह इस क्षेत्र में विशेष रुचि लेकर लाभ अर्जित कर रहे हैं।
शासन की योजना के तहत मिलने वाली बीमा योजना से न केवल मछुआरों की जीवन सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है, बल्कि उनके भविष्य को भी एक नई दिशा मिल रही है। मछली पालन से जुड़े इन कदमों के कारण जिले के तालाबों में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है।
उन्नत मछली बीज और दुर्घटना बीमा का प्रविधान
सरकार की ओर से मछुआरों के लिए उन्नत मछली बीज सरकारी दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे मछुआ सहकारी समितियों, मछुआ समूहों और व्यक्तिगत मछुआरों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही मछली पालन के दौरान किसी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में 9,429 हितग्राहियों का दुर्घटना बीमा भी कराया गया है। इससे ग्रामीण मछुआरों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा का लाभ मिल रहा है।
मछली पालन से आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं
- - मोहदा निवासी सावित्री निषाद ने अपने स्वसहायता समूह के माध्यम से अन्य कार्यों के साथ मछली पालन का काम शुरू किया है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़कर वह और अन्य महिलाएं मछली पालन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रही हैं।
- - धौराभाठा निवासी संतोषी यादव ने अपने गांव के तालाब को ग्राम पंचायत के माध्यम से ठेके पर लेकर अन्य महिलाओं के साथ मछली पालन का कार्य किया है।
- - रहंगी निवासी अंजली श्रीवास भी अपने समूह की महिलाओं के साथ मछली पालन कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है।
- - भैसबोड निवासी तीज कुंवर मरावी ने अपने स्व-सहायता समूह के साथ गांव के तालाब को अपनी आजीविका का साधन बनाकर अन्य महिलाओं को रोजगार प्रदान किया है।वर्जनपिछले साल की तुलना में मछली पालन के क्षेत्र में वृद्धि हुई है। शासन की योजना का लाभ मछुआ समूहों के साथ-साथ समूहों की महिलाएं भी उठा रही हैं। चार हजार का बीज लेने पर दो हजार की छूट मिलती है, जिससे मछली पालन से जुड़े हितग्राहियों को सीधा लाभ मिल रहा है।एके महेश्वर, उप संचालक मत्स्य विभाग