नईदुनिया प्रतिनिधि, दंतेवाड़ा। “सपने देखने वालों की नहीं, उन्हें साकार करने वालों की दुनिया होती है।” कभी माओवादी हिंसा के लिए चर्चित रहे दंतेवाड़ा के जितेंद्र की कहानी इस कहावत को सही मायनों में चरितार्थ करती है।
दंतेवाड़ा की गीदम एजुकेशन सिटी का कक्षा दसवीं का एक समर्पित छात्र जितेंद्र वेक, अपने संघर्ष,लगन और प्रतिभा का प्रतीक बन चुका है। जितेंद्र ने बेंगलुरु में चल रही प्रतिष्ठित इक्वेस्ट्रियन प्रीमियर लीग में कांस्य पदक जीतकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, बल्कि पूरे बस्तर के युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।
उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा एक साल पहले तब शुरू हुई जब दक्षिण बस्तर जिला प्रशासन ने गीदम एजुकेशन सिटी में घुड़सवारी का एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की। इस पहल रायपुर की ब्रेगो एंड हेक्टर इक्वेस्ट्रीअन मैंगमेंट कंपनी के सहयोग से गीता दहिया के मार्गदर्शन में छात्रों को घुड़सवारी का प्रशिक्षण दिया गया।
जितेंद्र ने इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में खुद को साबित करने के लिए दिन-रात मेहनत की। कलेक्टर कुणाल दुदावत के प्रोत्साहन और सहयोग से उन्हें आगे बढ़ने की राह मिली। उनकी सफलता के पीछे उनकी मेंटर विजेता चौधरी का मार्गदर्शन और प्रशिक्षक चित्रभानु सिंह की कोचिंग का अहम योगदान रहा।