
धमतरी। बड़ी रेललाइन निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण रेलवे ने किया है, ऐसे किसान रेलवे द्वारा प्रदाय किए जा रहे मुआवाज से संतुष्ट नहीं है। रेलवे से उचित मुआवजा देने व परिवार के एक-एक सदस्यों को रेलवे में नौकरी देने की मांग को लेकर कलेक्टर व एसडीएम को ज्ञापन सौंपे हैं।
वहीं जमीन अधिग्रहण संबंधी रेलवे व जिला प्रशासन पर कई आरोप भी मड़े हैं।
कुरुद विकासखंड के ग्राम अटंग, भालूकोना, चरमुड़िया,डांडेसरा, कोड़ापार, कोटगांव, चटौद, करगा, सिर्री और भाठागांव के किसान दो फरवरी को कलेक्ट्रेट व एसडीएम कार्यालय कुरुद पहुंचे। इन गांवों के रेलवे प्रभावित किसानों ने कलेक्टर व एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है।
प्रभावित किसान ताराचंद साहू, प्रभु राम साहू, जय कुमार साहू, वेद बाई, उमेश यादव, शरद कुमार पंडा, प्रशांत कुमार पंडा, कलीराम, लक्ष्मण साहू, गोविंद साहू, जागेश्वर सिंह, शेष कुमार, रमशीला, ढाल सिंह कंवर आदि ने बताया कि रेलवे प्रशासन द्वारा जारी किए मुआवजा से वे संतुष्ट नहीं है, उन्हें उनके जमीन के बदले उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
प्रभावित किसानों ने रेलवे प्रशासन से राष्ट्रीय राजमार्ग व विशाखापट्नम मार्ग में प्रभावित किसानों को नियमावली के तहत जो मुआवजा दिया गया है, ठीक उसी नियमावली के तहत रेलवे प्रशासन भी इन किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करें। वहीं प्रभावित किसानों ने रेलवे प्रशासन से परिवार के एक-एक सदस्यों को रेलवे में नौकरी दिलाने की मांग की है।
जमीन अधिग्रहण की जानकारी नहीं होने का आरोप
प्रभावित किसानों ने आरोप लगाया है कि रेलवे प्रशासन जब उनके जमीन का अधिग्रहण किया तो उन्हें किसी तरह जानकारी नहीं दी है। गांवों में किसी तरह कोई मुनादी नहीं कराई गई। ग्रामसभा में भी प्रस्ताव पास नहीं किया गया है। जनसुनवाई कर आवेदन पीड़ित किसानों के निजी भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा राशि भुगतान की जानकारी भी नहीं दी गई है।
जिला प्रशासन स्तर से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई है, जो उचित नहीं है। किसानों का आरोप है कि निजी भूमि अधिग्रहण के मुआवजा राशि के भुगतान के लिए सूचना मिलने पर ग्राम चरमुड़िया एवं डांडेसरा के पीड़ित पक्षकार भुगतान किए जाने वाले मुआवजा राशि में काफी अंतर होने पर नाराजगी जाहिर की है।
प्रभावित किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-30 के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने पर पीड़ितों को पांच हेक्टेयर से कम भूमि के अधिग्रहण पर दो गुना व चार गुना मुआवजा राशि तथा अधिक होने पर हेक्टर में चार गुना मुआवजा राशि का भुगतान किया गया। इसी तरह रेलवे प्रशासन इन किसानों को मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।
मुआवजा में काफी अंतर
प्रभावित किसानों ने बताया है कि अधिग्रहित भूमि खसरा नंबर 341/1 का भूमि स्वामी हेमंत, पवन, लोमश पुत्र कन्हैया राम है, जिसका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर है जिसका मुआवजा राशि चार लाख 72311 रुपये है जबकि खसरा नं 341/2 का भूमि स्वामी मनोज, गोरेलाल, भानु पुत्र पुरुषोत्तम राम है जिसका क्षेत्रफल भी 300 वर्ग मीटर है इसका मुआवजा राशि मात्र 90106 रुपये है।
इसी तरह खसरा नंबर 333/3 का स्वामी श्याम लाल पुत्र गोपाल है जिसका क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर है और इसका मुआवजा राशि तीन लाख 14874 रुपये दिया जा रहा है। मुआवजा राशि में काफी अंतर है, ऐसे में किसानों में नाराजगी है।