नईदुनिया प्रतिनिधि, धमतरी : भादो माह में हो रही अच्छी बारिश से जिले के सभी बांधों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिले के प्रमुख व सबसे बड़ा गंगरेल बांध 90 प्रतिशत भर चुका है। यहां 29.467 टीएमसी पानी भर चुका है, जबकि बांध में 7933 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। अब गंगरेल बांध में पानी की आवक बढ़ी, तो जल्द ही बांध के गुट खुलने की संभावना है।
बांध को लबालब भरने में अब सिर्फ डेढ़ से 2 टीएमसी पानी की जरूरत है, जो कभी भी कैचमेंट क्षेत्र से आ सकता है, क्योंकि इन दिनों कांकेर क्षेत्र में भी अच्छी बारिश हो रही है। गंगरेल समेत मुरूमसिल्ली, दुधावा व सोंढूर बांध के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, इससे बांधों की सेहत में पहले से काफी सुधार है।
बता दें कि जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में जलभराव की क्षमता 32.150 टीएमसी है। 23 अगस्त को यह बांध अपनी क्षमता के 90 प्रतिशत भर चुका है। बांध में 24.396 टीएमसी पानी भरा हुआ है। जबकि 5 टीएमसी पानी डेड एरिया में भरा रहता है, जो बांध से बाहर ही नहीं निकल सकता। वहीं कैचमेंट क्षेत्र से गंगरेल बांध में प्रति सेकेंड 7933 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है, इससे बांध का जलभराव तेजी से बढ़ने लगा है।
गंगरेल बांध को लबालब भरने के लिए अब सिर्फ दो टीएमसी पानी की जरूरत है, इसके बाद यहां पानी रोक पाना मुश्किल हो जाता है। कभी भी बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि तीन-चार दिनों के भीतर अंचल में अच्छी बारिश होती है, तो कभी भी गंगरेल बांध के गेट खुल सकते हैं, जिसका सभी वर्गाें को बेसब्री से इंतजार है।
वर्ष 2024 में अगस्त माह के अंतिम सप्ताह भादो माह में बारिश की स्थिति ठीक नहीं थी। गंगरेल बांध में 25 अगस्त को सिर्फ 27.988 टीएमसी पानी भरा हुआ था। इस बीच बारिश अच्छी नहीं होने से किसानों के धान फसल पर सूखे का खतरा मंडरा रहा था और किसान लगातार बांध से सिंचाई पानी छोड़ने की मांग कर रहे थे।
किसानों के धान फसल बचाने के लिए जिला प्रशासन ने 25 अगस्त को दो गटों से 5462 क्यूसेक सिंचाई पानी छोड़े थे, तब जाकर किसानों के धान फसल बच पाया था, इसके बाद पुन: बारिश होने पर बांध में जलभराव और बढ़ गया। जबकि वर्ष 2024 में सावन माह में ही गंगरेल बांध में 30 टीएमसी से अधिक पानी भर चुका था।