
धमतरी। कबीर संस्थान ने कबीर नगर रत्नाबांधा में सदगुरु कबीर साहेब की 625 वीं जयंती धूमधाम से मनाई। यहां पर संत कबीर के विचारों पर विस्तार से चर्चा हुई।
आयोजन में क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मुख्य वक्ता संत गुरुभूषण साहेब ने कहा कि कबीर ने लोगों को प्रेम का पाठ पढ़ाया, अच्छे कर्म करने का संदेश दिया। ऐसा कर्म करो कि कर्म ही पूजा बन जाए। संत ने कहा कि हम सभी कार्यों के लिए कार्य योजना बनाते हैं लेकिन जीवन कैसे जीना है और क्यों जीना है इसके लिए कार्ययोजना तय नहीं करते, इसलिए हमारे जीवन में दुख है। कार्यक्रम के संरक्षक संत श्री रविकर साहेब ने कहा आज के समय में कबीर और भी प्रासंगिक हैं।
आज लोगों को कबीर की वाणी की आवश्यकता है। कबीर एक अकेले ऐसे संत हैं जिनको सभी धर्म संप्रदाय के लोग मानते हैं क्योंकि कबीर ने लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया। संत श्री अनुकरण साहब ने कहा कबीर के चिंतन दर्शन से समाज को सच्चा अध्यात्म का बोध होता है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने कहा कि कबीर का समझाने का तरीका निराला था पाखंड को दूर करने के लिए क्रांतिकारी विचार दिया। विधायक ने संस्थान में जनहित के कार्य के लिए सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा की। अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री कृपाराम साहू ने कहा कबीर संस्थान के निर्माण होने से क्षेत्र में कबीर की वाणी गूंज रही है। चेतन हिंदुजा ने कहा कि कबीर संतों में सिरमौर हैं।
धनेश्वरी साहू जनपद सदस्य ने भी संस्थान के विकास में जनपद निधि देने की घोषणा की। संत विजय साहेब ने कबीर भजन की प्रस्तुति दी। उक्त अवसर पर संत ध्रुव साहब, दिनेंद साहब, शोधकर साहेब, भावकर साहेब, चिरंजीव साहेब, रामसेवक, साध्वी मनिप्रभा, साध्वी प्रतिज्ञा, संतोषी, साध्वी समीक्षा, ईशुराम गोटिया, हंसराज साहू, रेमन दास रेवाराम निषाद, धरमदास, परशुराम, त्रिलोचन दास, सत्यप्रकाश भाग्य भागेश हिरवानी, संतलाल सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सदगुरु कबीर के छाया चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन माल्यार्पण कर किया गया तत्पश्चात ध्वजारोहण किया गया उसके बाद कबीर की मौलिक रचना बीजक का पाठ, भजन, कबीर विचार गोष्ठी, संत उद्बोधन, अतिथि उद्बोधन के पश्चात गुरु पूजा आरती संपन्न हुआ। कार्यक्रम के पश्चात प्रसादी का वितरण हुआ।
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