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नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। बस्तर का अबूझमाड़ क्षेत्र चार दशक के बाद माओवादियों से मुक्त हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को माओवादियों के आतंक से मुक्त कर दिया गया है। अब केवल दक्षिण बस्तर के कुछ क्षेत्र में माओवाद का नाममात्र प्रभाव बच गया है। उसे भी हमारे सुरक्षा बल के जवान शीघ्र ही समाप्त कर देंगे। पिछले दो दिनों में अबूझमाड़ में सक्रिय 190 माओवादियों ने समर्पण कर दिया है।
इनमें एक करोड़ का माओवादी रूपेश भी शामिल है। एक हफ्ते पूर्व माड़ डिवीजन की सचिव रणिता ने पत्र जारी कर कहा था कि 100 से अधिक माओवादी 15 अक्टूबर तक समर्पण करेंगे। हालांकि ये सभी माओवादी औपचारिक रूप से शुक्रवार को जगदलपुर पुलिस लाइन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा के समक्ष हथियार डालने जा रहे हैं।
करीब 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैले अबूझमाड़ के घने जंगलों, उंचे पहाड़ों और गहरी घाटियों के बीच बसे 237 गांवों में अब आखिरकार प्रशासन और कानून का प्रभाव स्थापित हो चुका है। महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा से सटे होने के कारण यहां गढ़चिरौली डिविजन, माड़ डिविजन, इंद्रावती नेशनल पार्क एरिया कमेटी और रावघाट एरिया कमेटी के माओवादी लंबे समय से सक्रिय रहे, लेकिन हालात अब तेजी से बदल रहे हैं।
It is a matter of immense pleasure that Abujhmarh and North Bastar in Chhattisgarh that were once terror bases, have today been declared as free from Naxal terror.
Now a trace of Naxalism exists in South Bastar, which will be wiped out soon by our security forces.
Since January…
— Amit Shah (@AmitShah) October 16, 2025
बुधवार को छह करोड़ के इनामी माओवादी भूपति के साथ माड़ डिविजन के 60 माओवादियों ने महाराष्ट्र में समर्पण किया और अब माड़ डिविजन के 140 तथा रावघाट एरिया कमेटी के 50 माओवादियों ने भी समर्पण कर दिया है। अबूझमाड़ में ही बसव राजू सहित 89 माओवादी मारे गए, जबकि दक्षिण बस्तर सब-जोनल प्रमुख और केंद्रीय समिति सदस्य सुजाता तथा सुधाकर की पत्नी ककराला सुनीता सहित 200 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
अबूझमाड़ में सक्रिय माड़ डिविजन के 140 माओवादी गुरुवार को आत्मसमर्पण के लिए निकले। उनका नेतृत्व संगठन के प्रवक्ता माओवादी रूपेश तथा डिविजन सचिव रणिता कर रहे हैं। यह समूह इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा घेरे में पहुंच चुका है, जहां से उन्हें सुरक्षा के बीच जगदलपुर लाया जा रहा है। इस दल में दो जोनल कमेटी सदस्य, 15 डिविजनल कमेटी सदस्य, और 121 एरिया कमेटी व जनमिलिशिया कैडर शामिल हैं। उनके पास एके-47 सहित 71 हथियार हैं। कांकेर में समर्पण कर चुके माओवादी भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 माओवादियों को भी जगदलपुर लाया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक समर्पण है।
राज्य प्रशासन का अबूझमाड़ में पहुंचना लगभग असंभव माना जाता था। इसी प्रशासनिक रिक्तता का लाभ उठाते हुए माओवादियों ने अबूझमाड़ को अपनी सुरक्षित शरणस्थली बना लिया था, जहां से पूरे दंडकारण्य क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों का संचालन होता रहा। लेकिन पिछले दो वर्षों में सुरक्षा बलों की रणनीतिक कार्रवाई और सतत अभियानों ने इस मिथक को तोड़ दिया।
जनवरी 2024 से भाजपा सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ में अब तक 2,100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। 1,785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 तक माओवादी हिंसा को जड़ से उखाड़ फेंकने के संकल्प को दर्शाते हैं- अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री।
उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ के माओवादमुक्त होने के साथ बस्तर अब शांति और विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है। यह परिवर्तन राज्य की 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना की सफलता का जीवंत प्रमाण है-विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन।