अनिमेष पाल, नईदुनिया, जगदलपुर। प्रदेश में 30 मार्च 2026 तक माओवादियों के समूल सफाये को लेकर चलाए जा रहे अभियान में बीते सप्ताह अबूझमाड़ के जंगलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रमुख बसव राजू को मार गिराने के बाद अब सुरक्षा बल के निशाने पर 8.40 करोड़ रुपये के इनामी 15 शीर्ष माओवादी हैं। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इनमें से नौ माओवादी इन दिनों बस्तर के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बल का दावा है कि इन सभी माओवादियों के ठिकाने और गतिविधियों के बारे में पक्की जानकारी है। यदि वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में नहीं लौटते हैं तो शीघ्र ही एक-एक कर सभी को ढेर कर दिया जाएगा।
सुरक्षा बलों की सूची में पहले चार बड़े नाम पोलित ब्यूरो व सेंट्रल कमेटी सदस्य के हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम एक करोड़ रुपये का इनामी मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति का है। 74 वर्षीय गणपति, बसव राजू के पहले माओवादी संगठन का प्रमुख रह चुका है। अब वह माओवादियों की केंद्रीय समिति का सलाहकार है। उसने वर्ष 2018 में बीमारी के कारण माओवादी प्रमुख का पद छोड़ दिया था, जिसके बाद बसव राजू को प्रमुख बनाया गया था।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बस्तर के जंगल में नौ शीर्ष माओवादी की उपस्थिति की जानकारी है। ये सभी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में नहीं लौटते तो सुरक्षा बलों का दावा है कि इनका भी हश्र बसव राजू जैसा ही होगा। बस्तर को ठिकाना बनाए हुए माओवादी में गणपति, भूपति, देवजी के अलावा डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) का सचिव व प्रभारी एमएमसी जोन (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) के. रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुडसा उसेंडी, कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा-डीकेएसजेडसी सचिवालय प्रभारी, पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना-सचिव तेलंगाना स्टेट कमेटी, सुजाता उर्फ कल्पना-सचिव दक्षिण बस्तर ब्यूरो डीएकेएमएस (दंडकारण्य आदिवासी किसान-मजदूर संगठन), बंटू लक्ष्मी उर्फ नरसिम्हा चालम व माड़वी हिड़मा-दक्षिण सबजोनल ब्यूरो सैनिक व सांगठनिक शामिल हैं।
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माओवादियों के सामने अब आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी ही एकमात्र रास्ता रह गया है। आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास नीति अनुसार लाभ दिया जाएगा। सुरक्षा बल क्षेत्र व आम जनता की सुरक्षा के लिए संकल्पित होकर काम कर रही है। अब अगले कुछ माह में शीर्ष माओवादियों को निशाना बनाकर अभियान चलाया जाएगा। माओवादी हथियार नहीं छोड़ेंगे तो उनका हश्र बसव राजू की तरह ही हाेगा।
-सुंदरराज पी., आइजीपी बस्तर
1. मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति उर्फ, उम्र 74 वर्ष, जाति -वेलमा,
2. मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ अभय, उम्र 69 वर्ष, जाति-तेलुगु ब्राह्मण
3. थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी, उम्र 61 वर्ष, जाति: हरिजन (मादीगा)
4. मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर, उम्र 62
5. कादरी सत्यनारायण रेडडी उर्फ कोसा, उम्र 66 वर्ष, जाति तेलुगु ब्राह्मण
6. पुल्लरी प्रसाद राव उर्फ चंद्रन्ना, उम्र 63 वर्ष, जाति: वेलमा
7. मोडेम बालाकृष्णा उर्फ बालन्ना, उम्र 60 वर्ष, जाति-गोंड
8. गणेश उईके उर्फ राजेश तिवारी उर्फ चमरू दादा, उम्र 63 वर्ष, जाति-गोंड
9. अनल दा उर्फ तूफान दा, उम्र 56 वर्ष
10. गजराला रवि उर्फ उदय, उम्र 58 वर्ष, जाति-गोंड
11. सब्यसाची गोस्वामी उर्फ अजय दा, उम्र 42 वर्ष
12. कटटा रामचंद्र रेडडी उर्फ गुड़सा उसेंडी, उम्र 62 वर्ष
13. सुजाता उर्फ कल्पना, उम्र 60 वर्ष, पति किशनजी (मृत)
14. नरसिम्हा चालम उर्फ सुधाकर, उम्र 66 वर्ष, जाति वेलामा
15. माडवी हिड़मा उर्फ हिडमन्ना, उम्र 45 वर्ष