अनिमेष पाल, नईदुनिया, जगदलपुर: माओवादी संगठन की ओर से जारी पत्र में पहली बार हथियार छोड़कर शांति वार्ता और संघर्ष विराम की बात कही गई है। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे सतर्कता से लेते हुए साफ किया है कि मुख्यधारा में लौटने का रास्ता केवल आत्मसमर्पण है। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नईदुनिया से विशेष बातचीत में कहा कि हमारी सोच पहले से ही सकारात्मक है, इसलिए हमने ऐसी नीति बनाई है कि अब बंदूक थामने वाले हाथ कारोबार संभालें।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में सबसे अच्छी पुनर्वास नीति तैयार की है, जिससे आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को न सिर्फ आवास और रोजगार बल्कि उद्यमी बनने तक का अवसर मिले। हाल ही में जगदलपुर में हुए ’बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ कार्यक्रम के जरिए आत्मसमर्पित माओवादियों को व्यापार की राह पर लाने की पहल की गई है। सरकार ने अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान किया है, जिससे आत्मसमर्पित माओवादी उद्यम शुरू करें तो लाभ मिलेगा, बल्कि ऐसे उद्यमी भी प्रोत्साहन पाएंगे जो उन्हें रोजगार देंगे।
माओवादियों के प्रवक्ता अभय की ओर से जारी पत्र पर गृहमंत्री ने कहा कि उसकी शैली, फोटो और ईमेल आईडी संदिग्ध हैं। जब तक इसकी सत्यता की जांच नहीं हो जाती, सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर कोई रोक नहीं लगेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि यह पत्र एक माह पहले 15 अगस्त को जारी किया गया है, यदि माओवादियों का उद्देश्य संघर्ष विराम ही था, तो हाल ही में शिक्षादूतों और ग्रामीणों की हत्याएं व आइईडी विस्फोट क्यों हुए?
साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक वीडियो कॉल से चर्चा की बात है, यह प्रस्ताव हम पहले ही दे चुके हैं, पर आज तक माओवादी संगठन की ओर से कोई पहल नहीं हुई। यदि कोई माओवादी या माओवादियों का समूह वार्ता या समर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ना चाहता है तो इसके लिए हमारे पास बेहतर पुनर्वास नीति बनी हुई है।
गृहमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संकल्प से मार्च 2026 तक माओवादियों के समूल सफाए के को लेकर प्रदेश में चल रहे अभियान से माओवादी संगठन दबाव में है। केवल छत्तीसगढ़ में ही बसव राजू समेत चार केंद्रीय समिति सदस्य और 463 से अधिक माओवादी मारे गए हैं, जबकि 1500 से अधिक आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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नियद नेल्लानार(आपका अच्छा गांव) योजना से विकास से अछूते रहे गांव में आज सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल की व्यवस्था के साथ रोजगार सृजन का काम सरकार कर रही है, जिससे आज जनता का भरोसा माओवादियों से टूटकर सरकार पर बढ़ा है।