CG News: मिलकर लिखेंगे बस्तर की नई इबारत, सीएम विष्णु देव ने विकास के लिए बनाई नई रणनीति
Viksit Bastar Ki Or: मुख्यमंत्री ने उद्यमियों, विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए कहा कि माओवाद प्रभावित परिवारों और आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएंगी। कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
Publish Date: Wed, 16 Apr 2025 12:17:34 PM (IST)
Updated Date: Wed, 16 Apr 2025 12:17:34 PM (IST)
होटल अविनाश इंटरनेशनल में आयोजित ‘विकसित बस्तर की ओर’ परिचर्चा में बोले सीएम।HighLights
- मार्च 2026 तक माओवाद मुक्त करने के लक्ष्य है।
- बस्तर में विकास की गति को और तेज किया जाएगा।
- माओवाद प्रभावित परिवारों को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। बस्तर संभावनाओं की धरती है। इसके विकास के लिए हम सब मिलकर नई इबारत लिखेंगे। दो दिवसीय विशेष प्रवास पर मंत्रिमंडल के साथ पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai) ने यह बातें मंगलवार को कहीं।
होटल अविनाश इंटरनेशनल में आयोजित ‘विकसित बस्तर की ओर’ परिचर्चा (CM Vishnu Deo Launches New Strategy for Bastar's Development) को संबोधित करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने उद्यमियों, विशेषज्ञों से चर्चा की। परिचर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2026 तक माओवाद मुक्त करने के लक्ष्य के साथ बस्तर में विकास की गति को और तेज किया जाएगा।
माओवाद प्रभावित परिवारों और आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी। इन परिवारों को कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। बस्तर के विकास की एक ठोस कार्ययोजना तैयार की गई है।
यह कार्ययोजना न केवल बस्तर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के विकास को नई गति प्रदान करेगी। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स से इस दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विकसित छत्तीसगढ़-2047’ का संकल्प ‘नवा अंजोर’ विजन से बस्तर का विकास होगा।
यह बनी कार्ययोजना
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कौशल विकास में:
बस्तर में 32 नए कौशल विकास केंद्र और सातों जिलों में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनके माध्यम से युवाओं को बाजार और उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा।
कृषि क्षेत्र में:
- संभाग में 1.85 हेक्टेयर में मक्का की खेती को तीन वर्षों में बढ़ाकर तीन लाख हेक्टेयर किए जाने का लक्ष्य। मिलेट्स की खेती को 52 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर तीन वर्ष में 75 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य।
- बस्तर में काजू, कोंडागांव में आचार, मसाला व कोकोनट आयल, कांकेर में सीताफल पल्प, दंतेवाड़ा में शहद व हल्दी पाउडर, सुकमा-नारायणपुर व बीजापुर में मसाला प्रसंस्करण की होगी स्थापना।
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पर्यटन के लिए:
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा धुड़मारास को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में शामिल किया गया है। इसे आगे बढ़ाते हुए और अधिक इको-टूरिज्म गांव विकसित किए जाएंगे।
- चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, और कोटमसर गुफाओं जैसे पर्यटन स्थलों को आकर्षक बनाने कैनोपी वाक, ग्लास ब्रिज, और होम स्टे जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
उद्योग के लिए:
- स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ लघु और मध्यम उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन। अनुसूचित जाति-जनजाति व नक्सलवाद प्रभावितों के लिए 10 प्रतिशत व एमएसएमई के लिए 25 प्रतिशत तक सब्सिडी।
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- भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करने के साथ व्यापार को आसान बनाने के लिए स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना। जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस।