जगदलपुर। किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के किरंदुल रेलखंड में काकलूर-कावड़गांव-डाबपाल स्टेशनों के बीच नई रेललाइन (दोहरीकरण परियोजना) की तकनीकी जांच का काम बुधवार को पूरा हो गया। दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र कोलकाता के कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) एके चौधरी के नेतृत्व में वाल्टेयर रेलमंडल के प्रबंधक अनूप सतपथी सहित तीन दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने सुबह दस से शाम पांच बजे तक जांच का काम पूरा किया।
रेलपथ निरीक्षण के लिए सबसे सबसे पहले अधिकारियों की टीम ने रेलपटरी पर ट्राली दौड़ाई। करीब 21 किलोमीटर की लाइन में ट्राली दौड़ाने के बाद सीआरएस स्पेशल ट्रेन को दौड़ाकर परीक्षण किया गया। लगभग सात घंटे तक रेलपथ के निरीक्षण व जांच का काम जारी रहा। शाम को निर्माण एजेंसी के तकनीकी अधिकारियों को कुछ जरूरी दिशा निर्देश देकर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी एके चौधरी वापस कोलकाता के लिए रवाना हुए।
रेलपथ निरीक्षण टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नईदुनिया से फोन पर चर्चा में बताया कि सीआरएस की रिपोर्ट कुछ दिनों में आ जाएगी। रिपोर्ट सकारात्मक रहने पर 15 सितंबर तक नान इंटरलाकिंग वर्क पूरा किया जाएगा। इसके बाद नई रेललाइन को भी ट्रेनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। काकलूर से डाबपाल का क्षेत्र नक्सल प्रभावित होने से रेलपथ निरीक्षण के दौरान सुरक्षा बलों के जवानों को लगाया गया था। ज्ञात हो कि काकलूर में नक्सलियों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने से अक्टूबर 2012 में लगातार दो बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुुई थीं।
दंतेवाड़ा से क्षत्रीपुट तक रेललाइन हुई दोहरीकृत
किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन (445 किलोमीटर) दोहरीकरण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। तीन चरणों में स्वीकृत इस परियोजना के पहले चरण में किरंदुल से जगदलपुर (149 किलोमीटर) दूसरे चरण में जगदलपुर से कोरापुट (109 किलोमीटर) और तीसरे चरण में कोरापुुट से कोत्तावालसा (187 किलोमीटर) में दोहरीकरण कार्य प्रस्तावित किया गया था। पहले और दूसरे चरण को मिलाकर दंतेवाड़ा से क्षत्रीपुट तक 170 किलोमीटर की लाइन का दोहरीकरण पूरा हो गया है। दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच वन संबंधी बाधा और नक्सल प्रभावित इलाका होने से काम की गति धीमी है। अगले दो साल में यहां काम पूरा होने की संभावना है। कोरापुट से कोत्तावालसा की ओर रेललाइन दोहरीकरण कार्य चल रहा है।