जगदलपुर। पड़ोसी राज्य ओड़िशा में केंद्र सरकार की ड्रीम परियोजना जूनागढ़-मलकानगिरी-भद्राचलम रेललाइन ने यहां बस्तर में जगदलपुर-कोंटा रेललाइन परियोजना को खटाई में डाल दिया है। धमतरी से कांकेर-कोंडागांव होकर जगदलपुर सुकमा के रास्ते कोंटा तक रेललाइन का प्रस्ताव पांच साल से रेलवे बोर्ड के पास लंबित है। 13 सितंबर 2019 को दक्षिण पूर्व मध्य रेल जोन बिलासपुर के अंतर्गत संसद सदस्यों की कमेटी की रायपुर रेलमंडल मुख्यालय में आयोजित बैठक में पहली बार धमतरी से कोंटा रेलमार्ग के प्रस्ताव की जानकारी सामने आई थी। इसकी सर्वे रिपोर्ट पांच जून 2017 को रेलवे बोर्ड में जमा कराई गई है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार धमतरी से कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर, सुकमा के रास्ते कोंटा तक 374.20 किलोमीटर रेललाइन के लिए आकलन मूल्य 4647.18 करोड़ रुपये तथा आरओआर (प्लस) 1.71 फीसद माना गया है। यही नहीं धमतरी से कांकेर तक 75.80 किलोमीटर की रेललाइन के लिए भी अलग से 726 करोड़ रुपये अनुमानित बताते हुए पांच जून 2017 को ही रेलवे बोर्ड को सर्वे रिपोर्ट भेजी गई है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार धमतरी-कोंटा रेललाइन का कोंडागांव से जगदलपुर तक 70 किलोमीटर का हिस्सा रावघाट-जगदलपुर रेललाइन में शामिल बताया गया है। देर सबेर रावघाट रेललाइन का निर्माण तय है। इस लाइन के बनने से दुर्ग दल्लीराजहरा के रास्ते जगदलपुर प्रदेश के मध्य क्षेत्र से जुड़ जाएगा पर जगदलपुर से कोंटा रेललाइन जिसे भविष्य में भद्राचलम तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव था अब शायद ही भविष्य में कभी बन पाएगी। इसकी प्रमुख वजह मलकानगिरी-भद्राचलम रेललाइन (173 किलोमीटर) है।
तीन दिन पहले केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव मलकानगिरी के दौरे पर आए थे। उन्होंने यहां रेल और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बताया कि जूनागढ़ से नवरंगपुर, जैपुर, मलकानगिरी के रास्ते भद्राचलम तक प्रस्तावित रेललाइन केंद्र सरकार की ड्रीम परियोजना में शामिल है। उनकी इस घोषणा और परियोजना पर काम तेज करने अधिकारियों को निर्देश देने से साफ हो गया है कि धमतरी-कोंटा रेललाइन में शामिल जगदलपुर-कोंटा रेलखंड खटाई में चली गई है। उल्लेखनीय है कि कोंटा बस्तर संभाग का दक्षिण में अंतिम छोर है। कोंटा से भद्राचलम (तेलंगाना) की दूरी 65 किलोमीटर है।
सामानांतर रेललाइन का प्रस्ताव भी कमजोर कर गया दावा
मलकानगिरी-भद्राचलम रेललाइन दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले की सीमा से 20 से 30 किलोमीटर की दूरी से होकर गुजरेगी। 2800 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 173 किलोमीटर की इस रेललाइन के लिए जो रास्ता तय किया गया है उसके समानांतर ही जगदलपुर-सुकमा-कोंटा रेललाइन प्रस्तावित की गई है। मलकानगिरी-भद्राचलम रेललाइन को पिछले साल ही रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिली है और अगले माह जून में इसका सर्वे भी पूरा हो जाएगा।
2027-28 तक इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। जबकि जगदलपुर-कोंटा रेललाइन का प्रस्ताव बोर्ड में ही जमा है जो शायद ही कभी मंजूर होगी। मलकानगिरी-सुकमा-दंतेवाड़ा रेललाइन की घोषणा बजट में एक दशक पहले हुई थी लेकिन इस पर भी काम की फिलहाल कोई सुगबुगाहट नहीं है।