नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में सुधाकर उर्फ टीएलएन चालम की पत्नी शीर्ष माओवादी 62 वर्षीय काकड़ाला सुनीता ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पति 40 लाख के इनामी माओवादी सुधाकर को सुरक्षाबलों ने इसी वर्ष जून में अबूझमाड़ मुठभेड़ में मार गिराया था। सुनीता के साथ 35 वर्षीय चेनुरी हरीश ने भी राचकोंडा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने बताया कि दोनों माओवादियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
सुधाकर की मृत्यु के बाद ही सुनीता को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। सुनीता दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी (डीकेएसजेडसी) की वरिष्ठ सदस्य हैं। वह पिछले लगभग चार दशकों से माओवादी आंदोलन में सक्रिय रही हैं। 1980 के दशक में अपने छात्र जीवन से ही उन्होंने कट्टरपंथी राजनीति में कदम रखा। उन्होंने नल्लामाला के जंगलों से लेकर आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र और अंततः दंडकारण्य में पार्टी की राजनीतिक और वैचारिक इकाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वहीं, हरीश तेलंगाना राज्य समिति के क्षेत्रीय समिति के सदस्य हैं। भूपालपल्ली जिले के रहने वाले हरीश ने 2020 में औपचारिक रूप से माओवादी आंदोलन में शामिल होने से पहले फ्रंट संगठनों के साथ काम किया था। उन्होंने कई मुठभेड़ों में भाग लिया। इनमें इस साल जून में हुई इरपागुट्टा की मुठभेड़ भी शामिल है।
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पुलिस आयुक्त ने यह भी बताया कि दोनों माओवादियों को राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में वित्तीय मदद, आजीविका और सुरक्षा शामिल है। उन्होंने तेलंगाना के अन्य माओवादियों से भी अपील की है कि वे हथियार छोड़ें, अपने गांव लौटें और राज्य के विकास में योगदान दें। इस आत्मसमर्पण को तेलंगाना में माओवादी गतिविधियों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में और भी माओवादी नेता मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित होंगे।