जगदलपुर। कोरोना काल में किरंदुल-विशाखापटनम के बीच स्पेशल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 18551-18552) के नाम से चल रही यात्री गाड़ी का दर्जा 15 जुलाई से खत्म कर पैसेंजर स्पेशल कर दिया गया जाएगा।
स्पेशल एक्सप्रेस का दर्जा खत्म होने पर इसका नंबर भी बदल जाएगा। पैसेंजर स्पेशल को नया नंबर 08551 और 08552 आवंटित किया गया है। पैसेंजर स्पेशल ट्रेन किरंदुल से विशाखापटनम के बीच सभी 48 स्टेशनों में रुकेगी। कोरोना काल के समय से लेकर अभी तक कुछ ही बड़े स्टेशनों में ठहराव की सुविधा मिल रही है।
इधर पैसेंजर ट्रेन के साथ स्पेशल शब्द जुड़ा रहने से किराए को लेकर यात्री सशंकित हैं। पैसेंजर ट्रेन के साथ स्पेशल शब्द क्यों जोड़े रखा गया है यह बात यात्रियों के समझ से परे हैं।
ज्ञात हो कि कोरोना काल से पहले किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर ट्रेन अप एंड डाउन वनव्हीके और टूव्ही के नाम से चल रही थी। कोरोना के समय 23 मार्च 2020 को देश भर में यात्री ट्रेनों को खड़ी कर दिया गया था। इसके बाद चरणबद्ध रूप से यात्री ट्रेनों को अधिक यात्री किराया दर तय करके स्पेशल ट्रेन के नाम से शुरू किया गया। किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर ट्रेन को 18 दिसंबर 2020 को किरंदुल स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन के नाम पर प्रारंभ किया गया।
तब पुराने (मार्च 2020) यात्री किराए दर से 80 फीसद तक अधिक राशि तय कर दी गई। कोरोना काल के समय से यात्री स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन में अधिक किराया देकर सफर कर रहे हैं।
15 जुलाई से किरंदुल स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन नए नबंर के साथ किरंदुल पैसेंजर स्पेशल के नाम से दौड़ेगी। स्पेशल शब्द जुड़ा रहने से अधिकारी भी मानकर चल रहे हैं कि यात्रियों को सामान्य पैसेंजर ट्रेन में सफर के लिए निर्धारित यात्री किराया दर से अधिक किराया चुकाना पड़ सकता है। सोमवार तक पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का यात्री किराया दर का निर्धारण होने की संभावना जताई गई है।
कोरोना से पहले और बाद में यह थी किराये की दर
कोरोना काल शुरू होने से पहले किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर ट्रेन में जगदलपुर से विशाखापटनम के लिए सामान्य टिकट की दर 65 रुपये, द्वितीय श्रेणी शयनयान (स्लीपर) 115 रुपये थी।
इसी ट्रेन को कोरोना काल में एक्सप्रेस का दर्जा दिए जाने के बाद जगदलपुर से विशाखापटनम के लिए सामान्य टिकट की दर 115 रुपये, स्लीपर 115 रुपये और तृतीय श्रेणी वातानुकूलित का किराया 585 रुपये कर दिया गया। पुराने और नए किराए की दरों में 80 से 90 फीसद तक का अंतर है। पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का दर्जा मिलने के बाद किराए की दर क्या होगी इस पर अभी रेलवे की ओर से कुछ नहीं कहा गया है।
---
केंद्र सरकार यात्रियों की जेब में काट रही
पूर्वी तट रेल जोन उपभोक्ता परामर्श समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने पैसेंजर ट्रेन के साथ भी स्पेशल का दर्जा बनाए रखने की आलोचना की है। उनका कहना है कि कोरोना काल में एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन के नाम पर 80 फीसद तक अधिक किराया की वसूली करके महंगाई के दौर में यात्रियों को परेशान किया गया।
अब पैसेंजर स्पेशल के नाम से भी यात्रियों की जेब काटने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है।
--