जगदलपुर। किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के कावड़गाव-काकलूर स्टेशन के बीच बड़े बोदेनार में किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर स्पेशल ट्रेन के ठहराव की मांग जोर पकड़ सकती है। बुधवार को इस क्षेत्र में रेललाइन दोहरीकरण की कमीशनिंग के लिए पहुंच रहे वाल्टेयर रेलमंडल के प्रबंधक अनूप सतपथी से बोदेनार के सरपंच ग्रामीणों के साथ मिलकर चर्चा करने की कोशिश करेंगे। मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने 15 सितंबर को रेल रोको आंदोलन करने की सूचना अभी से दे दी है।
पांच सितंबर को बोदेनार में सुबह आठ से नौ बजे के बीच एक घंटा तक ग्रामीण आदिवासियों ने रेलमार्ग बाधित कर प्रदर्शन किया था। नईदुनिया ने छह सितंबर को प्रथम पेज पर आदिवासियों ने पटरी पर बैनर बांध रोकी ट्रेन शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। विदित हो कि रेलवे सुरक्षा बल और मौके पर पहुंचे कोड़ेनार थाना के पुलिस बल द्वारा आंदोलनकारी आदिवासियों को डीआरएम से चर्चा कराने का भरोसा देने के बाद प्रदर्शन समाप्त किया गया था। शाम को उसी दिन शाम को ग्राम पंचायत के सरपंच व अन्य पंचायत पदाधारियों व ग्रामीणों के हस्ताक्षर से एक पत्र स्टेशन प्रबंधक काकलूर स्टेशन को दिया गया है।
पत्र में विस्तार से पैसेंजर ट्रेन के ठहराव की मांग की चर्चा करते हुए डीआरएम से चर्चा कराने के आश्वासन का उल्लेख किया गया है। पत्र में कहा गया है कि आश्वासन नहीं माना जाएगा। पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का ठहराव कोरोना काल के पहले जिस तरह से सुनिश्चित था वही स्थिति लाने की जरूरत है। ऐसा नहीं किए जाने पर दस दिनों बाद ग्रामीण रेल रोको आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। स्टेशन प्रबंधक ने ग्रामीणों से प्राप्त पत्र की सूचना वाल्टेयर रेलमंडल मुख्यालय को मंगलवार शाम को ही दे दी है।
स्टेशन नहीं लेकिन रुकती थी यात्री गाड़ी
कोरोना काल में मार्च 2020 के पहले किरंदुल-विशाखापटनम पैसेंजर ट्रेन यहां बस्तर और दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत किरंदुल और जगदलपुर रेलखंड सभी स्टेशनों में रुकती थी। इनके अलावा बड़ेबोदेनार और कुपेर (दोनों को हाल्ट स्टेशन का दर्जा) में भी इस ट्रेन का एक-एक मिनट का ठहराव दिया गया था। कोरोना काल के बाद दिसंबर 2020 में दोबारा पैसेंजर ट्रेन को स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन के नाम से शुरू किया गया और जगदलपुर से किरंदुल के बीच 150 किलोमीटर के क्षेत्र में पांच स्टेशनों में ही ठहराव दिया गया। एक माह पहले एक्सप्रेस स्पेशल को पैसेंजर स्पेशल के नाम से चलाया जा रहा है। अब यह गाड़ी बोदेनार और कुपेर को छोड़कर अन्य सभी स्टेशनों में खड़ी हो रही है। बोदेनार में ट्रेन का ठहराव नहीं दिए जाने से यहां के ग्रामीण नाराज हैं।