
बलौदा । सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरुवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के तहत गोठान की स्थिति बलौदा ब्लाक में बदतर है। सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी कई जगह गोठान निर्माण के लिए नींव तक नहीं डली है। वहीं जहां गोठान बन गए है वहां की स्थिति बदहाल है । कई जगह कुछ निर्माण कार्य कर केवल औपचारिकता निभा दी गई है।बलौदा ब्लाक के ग्राम पंचायत अंगारखार के गोठान में वर्मी कंपोस्ट की टंकियां टूट रही है। गोठान में पेड़ की डालियों से शेड बनाया गया है। यहां न तो गोबर की खरीदी होती और न वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया जा रहा है। गोठान में मवेशियों के लिए किसी भी प्रकार कोई व्यवस्था नहीं है।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरुवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना में जिस उद्देश्य से गोठान निर्माण का सपना देखा गया था, वह धरातल में कुछ अलग है। अंगारखार के गोठान में कुछ कार्य ही नहीं हुआ है । गांव में गोठान का निर्माण मवेशियों की देखभाल के लिए किया गया है, मगर यहां गोठानों में अव्यवस्था का आलम है। गोठान में 6 वर्मी कम्पोस्ट खाद की टंकी बनाई गई है। टंकी का निर्माण स्तरहीन होने के कारण वह भी टूट रही है । वर्मी कम्पोस्ट टंकी के ऊपर शेड का निर्माण किया जाता है मगर यहां लकड़ी के खंभे गाड़कर पेड़ों की डालियों की छज्जा बनाई गई है। गोबर खरीदी और खाद निर्माण का काम यहां बंद है। वर्मीकंपोस्ट की टंकिया गुणवत्ता विहीन होने के कारण टूट रही है। वर्मी कम्पोस्ट की टंकियों में कचरा भरा है। गोबर खरीदी व वर्मीकम्पोस्ट खाद का बनना तो दूर यहां गोठान से संबंधित कोई गतिविधि संचालित नहीं है। बोर के नाम पर यहां एक हैडपंप खोद कर छोड़ दिया गया है। यहां सौर ऊर्जा से संचालित पंप भी नहीं लगाया गया है।
मवेशियों के पानी पीने के लिए कोटना का निर्माण भी नही हुआ है। मवेशियों के लिए पैरा की खरीदी भी नहीं हुई है। इस गोठान में केवल वर्मी कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता विहिन टंकी के अलावा कोई कार्य नहीं हुआ है । सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हाल बेहाल है, राज्य सरकार का यह कार्यकाल खत्म होने को है मगर गोठानों की स्थिति नही सुधर सकी है। अंगारखार के गोठान में कोई पशु मालिक गोबर बेचने आता है तो यहां गोबर खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं है। अंगारखार गोठान के संबंध में जानकारी लेने मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी हृदय शंकर से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया ।
ब्लाक के 9 गोठानों में कोई गतिविधि नहीं
बलौदा ब्लाक के अन्य कई गोठानों में केवल कागजों में गोबर खरीदी हो रही है। ब्लाक के 65 ग्राम पंचायत में से 48 ग्राम पंचायतों में गोठान का निर्माण हो गया है कई गोठानों में न तो गोबर खरीदी हो रही है, न पशुओं के लिए घ्ाास की व्यवस्था की गई है । ब्लाक के 9 ग्राम पंचायत कुरमा, बक्सरा, पहरिया, नावापारा ब, पंतोरा, अंगारखार, हेड़सपुर , ढोरला, सोनबरसा में गोबर खरीदी व वर्मीकम्पोस्ट खाद का बनना तो दूर यहां गोठान से संबंधित कोई गतिविधि संचालित नहीं है। जबकि बलौदा ब्लाक के 17 ग्राम पंचायत में गोठान का सपना अधूरा है। जिसमें ग्राम पंचायत कंडरा, करमा, कुरदा, कोरबी, खैजा, गतवा, डोगरी, दहकोनी, बुडगहन, बेलटुकरी, बोकरामुड़ा, भिलाई, मड़वा, रसौटा, जुनाडीह, बैजलपुर, झपेली प्रमुख है ।
गोठान बन गया शराबियों का अड्डा
गोठान में किसी प्रकार की कोई गतिविधियां संचालित नहीं होने के कारण यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। शराबियों के लिए यह सुरक्षित बन गई है। गोठान में मवेशी तो नहीं आते मगर शराबी शाम को आकर यहां जाम जरूर छलकाते हैं। शराब पीने के बाद शराबी बोतल को वहीं छोड़कर चल देते हैं। गोबर खरीदी नहीं होने से भले ही यहां के लोगों को प्रति किलो दो रूपये के लाभ्ा से वंचित होना पड़ रहा है । मगर शराब की बोतल यहां से इकट्ठा कर बेचने वालों को एक बोतल का एक रूपये जरूर मिल रहा है।