
नईदुनिया प्रतिनिधि, नरहरपुर (कांकेर): कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के ग्राम कुरालठेमली में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। इसके तहत ईसाई धर्म के पादरी और पास्टरों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। ग्रामवासियों ने कहा कि क्षेत्र संविधान की पंचम अनुसूची के अंतर्गत आता है और यहां पेसा कानून 1996 लागू है। इसके नियम 4(घ) में सांस्कृतिक पहचान और रूढ़ सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण की गारंटी दी गई है।
ग्राम सभा का कहना है कि आदिवासी समुदाय को प्रलोभन देकर मतांतरण कराए जाने से उनकी पारंपरिक संस्कृति को नुकसान पहुंचता है और आदिम पहचान पर खतरा मंडराता है। इसी आधार पर धार्मिक आयोजन के उद्देश्य से किसी भी बाहरी पादरी, पास्टर या मतांतरण व्यक्ति के गांव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सरपंच कचरी बाई, उपसरपंच शीशपाल ठाकुर, रामचंद पटेल, शिवप्रसाद कवाडे, राजमान पद्माकर, राजेंद्र साहू, अजय मांडवी, रामदेव नेताम, बुद्धू नेताम, जोगी मांडवी, कृपाराम मरकाम, रामदास कुंजाम, दशरथ रामटेक, दसरू नेताम, गोकुलराम शोरी, गंगा शोरी, रामदीन मरकाम, गंगेश्वरी नेताम, सुरेखा मरकाम, जानकी मरकाम और भारतीय सलाम उपस्थित रहे।
सरपंच कचरी बाई ने कहा कि मतांतरण के बाद कई लोग आदिवासी रीति-रिवाजों और रोड़ी परंपराओं का पालन नहीं करते, जिससे सांस्कृतिक विरासत प्रभावित होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर ग्राम सभा के प्रस्ताव के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसकी सूचना थाना और तहसील को भी भेज दी गई है।