नईदुनिया प्रतिनिधि, कांकेर/पखांजूर। छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बिनागुंडा में माओवादियों द्वारा बनाए गए स्मारक 15 अगस्त को तिरंगा फहराने वाले एक युवक मनेश नरेटी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस के दिन मनेश नरेटी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक ऐसे माओवादी स्मारक पर भारतीय ध्वज फहराया, जिसे वे अपने मृत साथियों के सम्मान में शहीद स्मारक कहते हैं। यह स्मारक माओवादियों के लिए एक पवित्र स्थल के समान है और वे इस पर किसी भी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते। मनेश का यह कदम माओवादियों को इतना ना गवार गुजरा कि उन्होंने तुरंत उसे पकड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद माओवादियों ने मनेश को गांव वालों के सामने तथाकथित "जन अदालत" में पेश किया। इस जन अदालत में उन्होंने मनेश नरेटी पर देशप्रेम का आरोप लगाते हुए उसे सार्वजनिक रूप से मौत की सजा सुनाई और फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि नक्सली अपने वर्चस्व को बनाए रखने और अपनी विचारधारा को थोपने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस घटना के बाद, पूरे क्षेत्र में भय और सदमे का माहौल है।
गांव के लोग इस घटना से इतने डरे हुए हैं कि कोई भी खुलकर बात करने को तैयार नहीं है। मनेश नरेटी की यह दुखद कहानी क्षेत्र के लोगों के लिए एक दुखद मिसाल बन गई है। उसकी बहादुरी और देश के प्रति प्रेम को माओवादियों ने क्रूरता से कुचल दिया, लेकिन उसकी शहादत ने एक बार फिर से माओवादिओं की असली क्रूर मानसिकता को उजागर कर दिया है।
यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि माओवादी अपने तथाकथित आदर्शों के नाम पर किस हद तक हिंसा कर सकते हैं। यह मामला प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वे कैसे ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और देशप्रेम की भावना को कुचलने वाली ताकतों का मुकाबला करें।
दो दिन पहले ही माओवादियों ने ग्राम इंद्रपुर में बैनर और पोस्टर लगाए थे, जिसमें उन्होंने मनेश नरेटी को मौत की सजा देने की बात कही थी। इन पोस्टरों में कुछ ग्रामीणों और सरपंचों पर भी मुखबिरी का आरोप लगाया गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नक्सली अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को कुचलने पर आमादा हैं।
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छोटेबेठिया के थाना प्रभारी रमन उसेंडी से बात करने पर उन्होंने बताया कि अब तक मनेश के परिवार की तरफ से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल की भारी बारिश के कारण सितरम नदी उफान पर है एवं गांव में बिजली बाधित होने से पुलिस टीम को गांव तक पहुंचने एवं उनसे संपर्क करने में मुश्किल हो गया है। नदी का बहाव कम होते ही पुलिस टीम पीड़ित परिवार से संपर्क स्थापित करेगी और कानूनी कार्रवाई करेगी।