नईदुनिया प्रतिनिधि, कवर्धा। जिले के बोडला ब्लाक के चिल्फी थाना क्षेत्र में रविवार शाम रायपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर अकलघरिया गांव के पास बोलेरो और ट्रक की आमने-सामने हुई जबरदस्त टक्कर ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस दर्दनाक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। चिल्फी पुलिस ने बताया कि मृतक और घायल सभी कोलकाता के रहने वाले शिक्षक और उनके परिजन बताए जा रहे हैं, जो कान्हा केसली (मध्यप्रदेश) से बिलासपुर होकर कोलकाता जाने वाली ट्रेन पकड़ने निकले थे।
जानकारी के अनुसार बोलेरो वाहन सतना से किराये पर ली गई थी। प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार वाहन में कुल दस लोग सवार थे। अकलघरिया के पास ओवरटेक करते समय बोलेरो विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए। चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिसमे एक बच्ची की भी शामिल है, जिससे पूरे इलाके में शोक का माहौल है।
हादसे के बाद ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए घायलों को मलबे से बाहर निकाला। सूचना मिलते ही चिल्फी थाना पुलिस और डॉयल 112 टीम मौके पर पहुंची। घायलों को मालवाहक पिकअप वाहन, कमांडर जीप और 112 वाहन की मदद से बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। वहां डॉक्टरों ने एक लोगों को मृत घोषित किया, जबकि चार ने इलाज के दौरान रास्ते में दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल अन्य पांच लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद कवर्धा जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मृतको मे एक पुरूष, तीन महिला और एक बच्ची शामिल है। खबर लिखे जाने तक मृतको और घायलो के नाम की जानकारी नही मिल पाई थीं।
दुर्घटना में मृत पांचों लोगों के परिजन कोलकाता के रहने वाले बताए जा रहे हैं। हादसे की खबर मिलते ही परिजनों से संपर्क किया गया है, लेकिन उनके पहुंचने में लंबा समय लग सकता है। इस बीच, बोड़ला और कवर्धा अस्पताल में पर्याप्त शव फ्रीजर की व्यवस्था नहीं होने से प्रशासन को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। पांच शवों को सुरक्षित रखने के लिए सीमित फ्रीजर सुविधा के कारण अधिकारियों ने अस्थायी व्यवस्था करने में पूरी रात मशक्कत की। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि ऐसे बड़े हादसों के बाद भी जिले में शव संरक्षण की समुचित सुविधा क्यों नहीं है।
पुलिस ने बताया कि बोलेरो में सवार सभी लोग शिक्षक वर्ग से जुड़े परिवार के थे। वे मध्यप्रदेश के कान्हा केसली से भ्रमण कर लौट रहे थे और बिलासपुर से ट्रेन द्वारा कोलकाता जाने वाले थे। उनके पास ट्रेन टिकट और यात्रा दस्तावेज भी मिले हैं। हादसे की खबर मिलते ही कोलकाता स्थित परिजनों से संपर्क किया गया है और शवों को पहचानने के बाद अंतिम प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अकलघरिया के पास हुए इस हादसे ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं, लेकिन गति-नियंत्रण संकेतक, डिवाइडर और चेतावनी बोर्डों की भारी कमी है। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मार्ग पर सुरक्षा उपाय और ट्रैफिक मॉनिटरिंग की स्थायी व्यवस्था करे।
पांच लोगों की मौत से कवर्धा और बोड़ला क्षेत्र शोक में डूब गया है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से कहा कि अस्पतालों में शव संरक्षण और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा बढ़ाई जाए। सड़क हादसे के हर पीड़ित परिवार के लिए यह त्रासदी एक स्थायी घाव छोड़ गई है। यह हादसा फिर याद दिलाता है कि ओवरटेक की एक गलती, और लापरवाही की एक लहर पूरे परिवार की जिंदगी छीन लेती है।