
कोरबा । कुसमुंडा खदान में नियोजित सिविल ठेकेदार के कर्मियों ने वेतन नहीं मिलने पर काम बंद करा धरना में बैठ गए। इससे खदान में कोयला उत्पादन व लदान बंद हो गया। दो घंटे बाद प्रबंधन ने कार्यालय में आंदोलनकारियों से चर्चा की। निर्ध्ाारित दर पर वेतन भुगतान, पीएफ की कटौती समेत अन्य सभी मुद्दों पर सहमति बनने पर आंदोलन खत्म हुआ। इसके बाद खदान में कामकाज शुरू हो सका।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान में प्रभावितों का आंदोलन लगातार जारी है। इस बीच परियोजना में कार्यरत ठेका मजदूरों ने वेतन नहीं मिलने पर गुरूवार को आंदोलन कर दिया। सिविल कार्य से संबंध्ाित इन मजदूरों का कहना है कि ठेकेदार ने दिसंबर व जनवरी माह का वेतन नहीं दिया। जो वेतन दिया जाता है, वह भी निर्ध्ाारित दर से काफी कम होता है। खदान में आंदोलन शुरू कर सभी लोग सतर्कता चौक में बैठ गए। इससे खदान में नियोजित विभागीय व ठेका कंपनी के वाहन का आवागमन अवरूद्ध हो गया और वाहन कतारबद्ध होकर खड़े हो गए। इसके साथ ही उत्पादन पर भी रूक गया। जानकारी मिलते ही प्रबंध्ान व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। किसी तरह मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया, पर श्रमिकों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। लगभग दो घंटे तक चले आंदोलन के बाद प्रबंध्ान ने कार्यालय में बैठ कर वार्ता करने कहा। इसके बाद आंदोलनकारी स्थल से उठ कर कार्यालय पहुंचे। वार्ता के दौरान आश्वस्त किया गया कि एचपीसी दर के मुताबिक वेतन भुगतान किया जाएगा। सभी मजदूरों को बैंक माध्यम से वेतन भुगतान होगा। पीएफ की कटौती क रासि जमा की जाएगी। समय पर सभी मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध्ा कराया जाएगा। आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी करने पर ओवहर टाइम का भुगतान, जिन कामगारों का ईपीएफ खाता नहीं खुला उनका खाता जल्द खोलने, डिस्पेंसरी में नियमानुसार ठेकेदार द्वारा दिए गए आइकार्ड को दिखाने पर उपचार करने का आश्वासन दिया गया। इसके साथ ही मजदूरों ने आंदोलन स्थगति करने की घोषणा कर दी। बैठक में प्रबंध्ान की ओर से एसके मल्लिक, सुध्ाा बी शेंडे, निहार प्रध्ाान, ठेकेदारो में सतीश चतुर्वेदी, एसएन अग्रवाल व काफी संख्या में मजदूर उपस्थित रहे।