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नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: खेत की फसल के बाद कटाई कर खलिहान में रखे धान को चट करने के हाथी गांव तक पहुंच रहे है। पसान रेंज ग्राम भर्रापारा में एक हाथी ने एक महिला की जान ले ली। शाम के समय महिला अपने घर के बाड़ी में धान की रखवाली कर रही थी। कटघोरा वन मंडल में इन दिन एतमानगर और पसान में 53 हाथी विचरण कर रहे हैं। गांव के निकट जंगल में दल के विचरण से क्षेत्र भर में मिसाई का काम ठप हो गया है। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का माहौल देखा जा रहा है।
धान कटाई के बाद किसानों ने फसल को खलिहानों में मिसाई के लिए रखा है। खेत में धान नहीं होने की वजह से अब दल खलिहान की ओर रूख कर रहे हैं। इसी कड़ी में पसान वन परिक्षेत्र मेंं विचरण कर रहा हाथी शाम को गोलाबहरा के आश्रित ग्राम भर्रापारा आ पहुंचा। यहां खलिहान में इंद्रकुंवर 70 साल धान की रखवाली कर रही थी। उसके साथ एक अन्य महिला भी थी। हाथी को देखते दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन इंद्रकुंवर हाथी के पकड़ में आ गई।
वह अपना बचाव करती इससे पहले ही हाथी ने उसे सूंड से उठाकर पटक दिया। महिला की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर हाथी को खदेड़ा। उपार्जन केंद्रों में ले जाने के लिए किसान धान को खलिहान में रख रहे हैं, लेकिन यहां भी उन्हे क्षति का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग केवल मुआवजा वितरण तक सीमित है।
बता दें कि वन मंडल क्षेत्र में पर्याप्त कर्मियों की नियुक्ति नहीं होने से हाथी- मानव द्वंद्व बढ़ता जा रहा है। आठ साल पहले लेमरू को हाथी अभयारण्य घोषित कर बजट स्वीकृत किया गया पर हाथियों के रहवास के लिए काम शुरू नहीं हो सका है। कोरबा और कटघोरा वन मंडल के प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणाें व हाथियों के बीच द्वंद्व थमने का नाम नहीं ले रहा है। 112 स्वीकृति पदों में 48 पद खाली हैं।
क्षेत्र में 3 साल पहले हाथियों की संख्या 48 थी वह अब बढ़कर 82 हो गई है। हाथियों की संख्या में वृद्धि से फसल नुकसान का दायरा भी बढ़ रहा है। मौसमी फसल होने के कारण किसान घाटे सहकर खरीफ की खेती तो कर रहे हैं लेकिन रबी फसल दायरा सिमट रहा है।
सरगुजा जिले के जंगलों में बढ़ती हाथियों की गतिविधियां लगातार संकट का कारण बनती जा रही हैं। शनिवार दोपहर उदयपुर वन परिक्षेत्र के बसोड़ पारा पुटा में चरोटा बीज संग्रहण के लिए गई एक 65 वर्षीय महिला पर अचानक लोनर हाथी ने धावा बोल दिया। हाथी के पीछा करने पर घबराई महिला गिर पड़ी, जिससे उसका पैर टूट गया।

गंभीर रूप से घायल महिला को गजराज वाहन से सीएचसी उदयपुर लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। घायल महिला का नाम सतमेन पति घुरवा निवासी ग्राम पुटा है। घटना की सूचना मिलते ही रेंजर कमलेश राय के नेतृत्व में उदयपुर एवं डांडगांव सर्किल का वन अमला मौके पर पहुंचा। टीम ने तत्परता के साथ महिला को सहायता उपलब्ध कराई और आसपास के लोगों को सतर्क रहने की समझाइश दी।
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बताया जा रहा है कि यह लोनर हाथी प्रेमनगर से डांड़गांव होते हुए उदयपुर वन परिक्षेत्र में पहुंचा है। दल से अलग होने के कारण यह तेजी से स्थान भी बदल रहा है। स्वभाव से आक्रामक होने के कारण वन विभाग को इसकी लगातार निगरानी करनी पड़ रही है।
जशपुर जिले की ओर गया 27 हाथियों का बड़ा दल सीतापुर होते हुए दोबारा लुंड्रा विकासखंड के जटासेमर इलाके में लौट आया है। हाथियों के एक बार फिर क्षेत्र में प्रवेश से ग्रामीण रातभर रतजगा करने विवश हैं। हाथी शाम ढलते ही भोजन की तलाश में जंगल से निकलकर खेतों और गांव की बस्तियों के किनारे तक पहुंच रहे हैं, जिससे फसलों और जान-माल को नुकसान का खतरा बढ़ गया है। वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं और लोगों को जंगल की ओर न जाने, भीड़ न लगाने तथा सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं।