
कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शुक्रवार को अमृतसर के लिए कोरबा से रवाना हुई विशेष ट्रेन करीब ढाई सौ किलोमीटर पहले ही समाप्त हो जाएगी। किसान आंदोलन के फलस्वरूप कोरबा-अमृतसर त्रि-साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन अंबाला रेलवे स्टेशन तक ही यात्रा करेगी। यहां समाप्त होकर यह गाड़ी अंबाला से बिलासपुर की ओर वापसी की यात्रा के लिए रवाना की जाएगी। किसान आंदोलन के असर से पूर्व निर्धारित व्यवस्था लगातार बाधित हो रही, जिसका असर इस ट्रेन के परिचालन पर भी हो रहा है। रविवार को भी वापसी के समय यह ट्रेन अमृतसर के स्थान पर अंबाला से ही बिलासपुर लौटेगी।
कोरबा-अमृतसर के बीच चल रही यह त्रि-साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन इस आंदोलन के चलते लगातार प्रभावित हो रही है। इसी क्रम में किसान आंदोलन के फलस्वरूप शुक्रवार को भी ट्रेन के परिचालन पर असर रहा। स्टेशन से रवाना होने वाली (ट्रेन नंबर-08237) कोरबा-अमृतसर त्रि-साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन अंबाला रेलवे स्टेशन में ही समाप्त हो जाएगी। इसके बाद यह ट्रेन अंबाला रेल्वे स्टेशन से ही बिलासपुर के लिए रवाना की जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से परिचालित की जा रही यह ट्रेन भी अंबाला रेलवे स्टेशन में ही समाप्त होकर बिलासपुर लौट आएगी। इसके बाद सात फरवरी को अमृतसर से छूटने वाली अमृतसर-बिलासपुर त्रि-साप्ताहिक पूजा स्पेशल भी अंबाला-अमृतसर- अंबाला के बीच रद्द रहेगी। किसान आंदोलन के असर से यह ट्रेन अंबाला-अमृतसर-अंबाला के बीच रद्द रहेगी, जिससे अमृतसर जाने वाले यात्रियों को थोड़ी परेशानी हो सकती है
पहले ही सुविधाएं कम, परेशान हो रहे लोग
ट्रेनों की कम संख्या में परिचालन एवं यात्रियों को भीड में यात्रा करने हो रही परेशानियों को देखते हुए रेल प्रशासन भले ही समय-समय पर अतिरिक्त कोच की सुविधा दी जा रही हो, पर इससे यात्रियों की राहत सुनिश्चित नहीं हो पा रहा। ट्रेनों की कमी के चलते लोग कम जगह व सुविधा में भी अपने कार्य के लिए समस्या से जूझकर यात्रा को विवश हो रहे हैं, पर उनकी परेशानियों का समुचित निराकरण करने की दिशा में रेलवे के अधिकारियों की ओर से कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। अन्य प्रदेशों में ट्रेनों की सुविधा पूरी तरह न सही, आंशिक व अस्थायी ट्रेनें देकर बहाल करने का प्रयास हो रहा है, पर इस मामले में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे व कोरबा काफी पीछे चल रहा।
फेरों में भी वृद्धि किए जाने की जरूरत
वर्तमान में कोरबा से केवल दो ट्रेन चल रहीं। इनमें सुबह के समय कोरबा से अमृतसर के बीच छत्तीसगढ एक्सप्रेस के रूट पर एक पूजा स्पेशल, वैनगंगा के रूट पर एक सप्ताहिक व शाम की एक ट्रेन लिंक एक्सप्रेस शामिल है। पर कोरबा लौटने के लिए दोपहर या शाम की एक भी ट्रेन नहीं चलाई जा रही। इस तरह स्पष्ट है कि कोरबा का कोई यात्री अगर सुबह रवाना होकर शाम या रात तक वापस घर लौटना चाहे, तो वर्तमान में उनके लिए कोई रेल माध्यम उपलब्ध नहीं है। ऐसे में न केवल आम लोग, बल्कि व्यवसायी वर्ग भी बीते 11 माह से परेशान हो रहे हैं। कारोबार की बात हो, व्यक्तिकगत कार्यक्रम, कार्यालय का काम-काज और छात्रों की शिक्षा जैसे अनेक कार्य के लिए यात्रा का समुचित माध्यम नियमित मिले, यही प्रतीक्षा हर कोई कर रहा है।