
नईदुनिया न्यूज, कोरबा। महिला कबड्डी वर्ल्डकप में भारतीय टीम ने इस बार ऐसा दमखम दिखाया है कि पूरे विश्व ने भारतीय खिलाड़ियों के जज़्बे और जुनून को सलाम किया है। रविवार को खेले गए रोमांच से भरे सेमीफाइनल में भारत ने शक्तिशाली टीम ईरान को 33-21 से मात देकर न केवल फाइनल में प्रवेश किया, बल्कि कबड्डी की दुनिया में नया इतिहास भी रच दिया। इस यादगार जीत की नायिका बनीं कोरबा जिले के विकासखंड पाली, ग्राम केराकछार की प्रतिभाशाली और जुझारू खिलाड़ी संजू देवी। जिन्होंने अपने शानदार खेल कौशल, धैर्य और फुर्ती का बेजोड़ प्रदर्शन करते हुए टीम के लिए नौ अत्यंत महत्वपूर्ण अंक अर्जित किए।
ढाका में फाइनल
अब भारत का खिताबी मुकाबला चाइनीज ताइपे से ढाका में खेला जाएगा। कबड्डी प्रेमी इसे टी-स्पोर्ट्स के यूट्यूब चैनल पर लाइव देख सकेंगे, जहां पूरा देश भारतीय बेटियों के दमदार खेल का गवाह बनेगा।
दूसरा महिला कबड्डी वर्ल्डकप बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 15 नवंबर से शुरू हुआ है, इसमें कुल 11 देशों की टीम मैदान में उतरी हैं। भारत ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही जबरदस्त दबदबा बनाए रखा। लीग चरण में भारत ने अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए थाईलैंड को 65-20, जर्मनी को 51-16, मेजबान बांग्लादेश को 43-18 तथा युगांडा को 63-22 से करारी शिकस्त दी।
संजू देवी ने अपनी प्रतिभा लोहा मनवाया
इन्हीं मुकाबलों के दौरान संजू देवी ने अपनी प्रतिभा का ऐसा लोहा मनवाया कि दर्शक और विशेषज्ञ दंग रह गए। बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने एक ही रेड में छह अंक हासिल कर सभी को चौंका दिया। युगांडा के विरुद्ध मुकाबले में चोट लगने के बाद भी संजू के हौसले नहीं डिगे। दर्द को नज़रअंदाज़ कर उन्होंने सेमीफाइनल में दमदार वापसी की।
पाले हाफ में लगभग दस मिनट शेष रहते जब वह कोर्ट पर उतरीं, तो पहले डिफेंस में शानदार अंक लिया, फिर रेड में लगातार 2-2 और एक अंक जुटाकर भारत की जीत को मजबूत आधार दिया। संजू देवी का यह जज़्बा, उनकी समर्पित मानसिकता, निडर खेल शैली और देशप्रेम की भावना भारतीय महिला कबड्डी के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त मिसाल बन चुकी है। वह न केवल पाली, कोरबा और छत्तीसगढ़ का गौरव हैं, बल्कि पूरे देश की नई प्रेरणा बनकर उभरी हैं।