
कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में निर्मित राम दरबार मंदिर में राम, जानकी व लक्ष्मण की प्राण प्रतिष्ठा उल्लास के साथ हुई। इस दौरान आपसी सद्भावना का दृश्य सामने आया, जब प्रदेश के सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने एक साथ मिल कर भगवान राम से प्रदेश के विकास के लिए मंगल कामना की। मंदिर स्थापना के बाद शहर का वातावरण भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालुओं में उत्साह का आनंद देखा जा रहा है।
मंदिर या देव स्थल से समाज में नैतिकता, सदाचार और श्रद्धा का भाव निर्मित होता है। इसके साथ ही जीवन में संस्कार फलीभूत होते है और आदर्श समाज का निर्माण होता है। ऐसा ही दृश्य सोमवार को मंदिर में प्रतिमा स्थापना के दौरान देखी गई। राजस्व मंत्री ने पक्ष-विपक्ष की भेद भाव से परे सभी राजनीतिक दलों के अलावा सामाजिक संगठनों का आयोजन में आमंत्रित किया था। उनके आमंत्रण पर मंदिर परिसर में सर्वदलीय सभा जैसी स्थिति निर्मित हो गई थी। शंकराचार्य निश्चलानंद महराज के सानिध्य में इस दृश्य को देखने के लिए राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल व उनकी पत्नी रेणु अग्रवाल के साथ परिवार के लोग शहरवासी उपस्थित थे।
शंकराचार्य ने सबसे पहले भगवान राम, सीता मैय्या और लक्ष्मण जी के साथ नीचे में बैठे रामभक्त हनुमान के दैदिव्यमान ललाटो पर तिलक लगा कर आरती उतारी। इसके बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सपत्नीक एवं परिवार सहित दैदिव्यमान मूर्तियों की आरती उतारी और जिला सहित प्रदेश भर के मंगल की कामना की। सबसे पहले विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया गया और आह्वान किया गया कि हमारा काम काज सफल हो। फिर मंत्रोच्चार के साथ राम, सीता और लक्ष्मण तथा रामभक्त हनुमान की मूर्तियों को प्रतिष्ठित किया गया। गर्भगृह में भगवान राम के विराजमान होने के बाद शिव पार्वती सहित कुल नौ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस के सहप्रभारी चंदन यादव, विजय जांगिड़ विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री रामसुंदर दास महंत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धर्मजीत सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, सांसद ज्योत्सना महंत, रायपुर प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ आदि उपस्थित थे।
प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा होते ही चटक गया दर्पण
राम दरबार में भगवान राम, सीता व लक्ष्मण की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वह क्षण भी आया, जब नेत्र में लगी काली पट्टी को खोल कर दर्पण को सामने लाया गया। दर्पण में जैसे ही नेत्र की छवि पड़ी वह टूट कर टुकड़ों में बंट गया। इस अलौकिक दृश्य को श्रद्धालु न केवल अचंभित हुए बल्कि शास्त्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के नियम को भी स्वीकार किया। देखने वाले श्रद्धालुओं ने इसे सौभाग्य अपना समझा। विधान के अनुसार मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समय जब मूर्ति का अनावरण किया जाता है तो दर्पण दिखाया जाता है।
प्रथम संध्या आरती में दिखा आतिशबाजी का भव्य दृश्य
मंदिर में सोमवार की दोपहर प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात शाम पांच बजे राम कथा वाचिका जया किशोरी ने राम कथा का व्याख्यान किया। इसके प्रश्चात में प्रथम संध्या आरती के दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। फुलझडी और अनार की रोशनी से पूरा मंदिर परिसर आलोकित हो उठा। घंटा और शंख ध्वनि के साथ भगवान राम की स्तुति में शामिल हो भक्तों ने पुण्य लाभ प्राप्त किया।
एक सप्ताह से चल रहा था अनुष्ठान
जयसिंह अग्रवाल और परिवार के राजपुरोहित गुरूजी वृंदावन से पधारे बांके बिहारी गोस्वामी गुरूजी तथा अन्य पंडितों द्वारा गत आठ जून से रोज सुबह शाम राम दरबार परिसर में अनुष्ठान किया जा रहा था और आज अंतिम दिन प्राण प्रतिष्ठा पूजा के लिए जगद्गुरू आदि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पूरी से पधारे और अपने सानिध्य में भगवान राम सहित अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कर राम दरबार में सदा के लिये प्रतिष्ठित कराया। मूर्तियों की आभा से यहां उपस्थित जन सैलाब अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे। हजारों की उपस्थित में यह विशाल धार्मिक आयोजन सफल हुआ और भगवान राम कोरबा के हुए।
हजारों लोगों ने ग्रहण किया भोग प्रसाद
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आम कोरबा को हृदय से आमंत्रित किया था और इस सार्वजनिक धार्मिक आयोजन में आम से लेकर खास वर्ग के लोग हजारों की संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम को अद्वितीय सफल बनाया और आयोजन समिति धन्य हुई। आयोजन समिति ने मंदिर परिसर के पास में विशाल भंडारे का आयोजन किया था जिसमें कोरबा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों के साथ अन्य जिलों से भी पधारे श्रद्धालुओं ने भोग प्रसाद ग्रहण किया और तृप्त हुए।