
कोरबा (नईदुनिया)। कुसमुंडा खदान में हो रहे ब्लास्टिंग से घरों को पहुंच रही क्षति, पेयजल. निजी कंपनी में स्थानीय लोगों को नौकरी देने समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रभावित ग्राम पड़निया के निवासियों ने खदान के अंदर काम बंद ध्ारना में बैठ गए। पांच घंटे तक चले आंदोलन की वजह से खदान से उत्पादन व डिस्पैच (प्रेषण) नहीं हो सका। 26 फरवरी को ग्राम में बैठक कर समस्या का निदान करने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त हुआ।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्?डस लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान में ग्राम पड़निया का भूमि समाहित हो रही है। गांव के नजदीक तक खदान पहुंच गई है। इससे खदान में होने वाले कार्य से गांव में भी असर पड़ रहा है। बुधवार को ग्रामवासी पूर्व सरपंच दुबराज सिंह की अगुवाई में कुसमुंडा खदान जा पहुंचे और भारी वाहनों को रोक कर सतर्कता चौक में धरना पर बैठ गए। उनका आरोप है कि अपनी समस्याओं को लेकर लगातार प्रबंधन के पास गुहार लगा रहे हैं, परंतु प्रबंधन के द्वारा किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहा है और समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि कुसमुंडा द्वारा गांव पडनिया के जमीन के किनारे से उत्खनन कार्य किया जा रहा हैं। इससे पेयजल की समस्या उत्पन्ना हो रही हैं। प्रबंधन द्वारा रोज ब्लास्टिंग किया जा रहा हैं, इससे उनकी घर की दीवारें व छत में दरार पड़ रही है और सीट टूट फूट रहा है। उत्खनन के कारण ध्ाूल डस्ट प्रदूषण से उनका जमीन बंजर हो गई हैं,कोई भी फसल की पैदावार नहीं हो पा रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य संबंध्ाी समस्या भी उत्पन्ना हो रही हैं। ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए जाने की सूचना मिलते ही कुसमुंडा पुलिस व प्रबंध्ान के अध्ािकारी स्थल पर पहुंचे और समझाइश देने का प्रयास किए, पर ग्रामीण अपनी मांग पर अ?ड़े रहे। बाद में कटघोरा अनुविभागीय अध्ािकारी कौशल तेंदुलकर की उपस्थिति में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान प्रबंध्ान ने आश्वस्त किया कि 26 फरवरी को गांव में शिविर लगा कर ग्रामीणों की समस्या सुन कर त्वरित निराकरण का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया। वार्ता के दौरान एसडीएम के अलावा कुसमुंडा थाना प्रभारी राजेश जांगड़े, कुसमुंडा के महाप्रबंध्ाक खनन राजीव सिंह, क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंध्ाक एसके मल्लिक, कार्मिक प्रबंध्ाक सुध्ाा शिंदे समेत अन्य अध्ािकारी उपस्थित रहे।