नुआपाड़ा (निप्र)। ओडिशा में विलुप्त हो रहे लोक नृत्यों एवं संस्कृति को जीवित रखने के उद्देश्य से 5 दिवसीय खरियार लोक महोत्सव 2014 का आयोजन गत दिनों हुआ। कार्यक्रम स्थल को इस वर्ष विशेष रूप से खरियार राज दरबार का रूप दिया गया था। इस महोत्सव में प्रदेश व बाहर के भी अनेक नृत्य दलों ने अपनी कला का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन जीता। खरियार उत्सव को देखने के लिए करीब 40 हजार से अधिक दर्शक आसपास सहित पड़ोसी राज्य व जिला से पहुंचे थे। गुरुवार को समापन दिवस की संध्या प्रसिद्ध गायक सबीर कुमार एवं गायिका इरा महंती एवं पदमपुर आम्बापुआ गांव का प्रसिद्ध नृत्य ने उत्सव को यादगार बना दिया। समापन अवसर पर गुरुवार को अपरा- 3 से 6 बजे तक विभिन्न स्कूल एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ग्रुप डांस की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात संध्या राजा एटी उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रधान शिक्षक बलभद्र महंती की अध्यक्षता में समापन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि कालाहांडी सांसद भक्तचरण दास, अध्यापक प्रेमानंद महापात्र एवं जल सचेतन विभाग के निर्वाही यंत्री इंजीनियर सुरेंद्र कुमार साहू विशेष रूप से उपस्थित थे। इस दौरान सांसद भक्तचरण दास ने कहा कि खरियार राजवाड़े की प्राचीन इतिहास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उक्त अंचल की कला संस्कृति व लोक गीत पूरे देश में प्रसिद्ध है। लेकिन उचित पहल नहीं होने के कारण अब यह परंपरा विलुप्त हो रही है। इसलिए यह कला-संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास सराहनीय है।
प्रतिभाओं का किया सम्मान
इस दौरान कला के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए अरविंद सिंह मीना एवं खेल क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए युवा खिलाड़ी क्षमासागर पटेल को सम्मानित किया गया। कॉलेज की अध्यापिका गीताश्री प्रियतमा ने अतिथियों का परिचय कराया। आयोजन कमेटी के अध्यक्ष निमायी चरण तांडी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। महोत्सव को सफल बनाने में पप्पू पटनायक, सतपाल सिंह छाबड़ा, केदार मुंड, जाकिर अहमद खान, नूर मोहम्मद, गंगा महंती, गोवर्धन सूना, अधिराज पाणिग्राही, पृथ्वीराज महंती, शुशांत बीसी, डोलामणी सिंह बाबू, जगबंधु बारीक, जितेंद्र पटनायक, सुभाष पटनायक आदि का योगदान रहा।