
महासमुंद (ब्यूरो)। महासमुंद जिले के पांच विकासखंडों को बढ़ाकर 9 किए जाने का प्रस्ताव है। जिले में वर्तमान में महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली पांच विकासखंड है। पटेवा, कोमाखान, पिरदा और छुईपाली को नया विकासखंड बनाने का प्रस्ताव है। वर्तमान विकासखंडों में महासमुंद को दो भाग में बांटकर पटेवा और महासमुंद, बागबाहरा को कोमाखान और बागबाहरा, पिथौरा और बसना के क्रमशः 26 और 25 ग्राम पंचायतों को मिलकार पिरदा को नया ब्लॉक बनाने और सरायपाली विकासखंड को दो भाग में बांटकर छुईपाली को नया विकासखंड बनाए जाने का प्रस्ताव है। विकासखंड व तहसील पुनर्गठन आयोग इसके लिए दावा-आपत्ति ले चुका है। प्रशासनिक स्तर पर सर्वेक्षण कराने का काम भी पूरा हो चुका है। अब नए विकासखंड बनाने की अनुशंसा सरकार को सौंपने की तैयारी अंतिम चरण में है।
आयोग की सिफारिश अगले महीने
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एसके मिश्रा की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय विकासखंड व तहसील पुनर्गठन आयोग का कार्यकाल मार्च-2014 में खत्म हो रहा है। इस लिहाज से ऐसा माना जा रहा है कि अगले महीने आयोग अपनी अनुशंसा सहित प्रतिवेदन राज्य सरकार को सौंप देगी।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने विकासखंड पुनर्गठन के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया है। जबकि, तहसीलों के पुनर्गठन का अधिकार भू-राजस्व संहिता में राज्य सरकार के पास है। ऐसे में जल्द ही नए विकासखंड व तहसीलों की घोषणा हो सकती है।
क्षेत्रवाद व बाजारवाद बन रहा रोड़ा
नए विकासखंडों के मुख्यालय को लेकर क्षेत्रवाद और बाजारवाद हावी हो चला है। नागरिक अपने क्षेत्र को महत्व मिलने और इससे व्यवसायिक प्रगति होने की बात कहकर अपने गांव को विकासखंड मुख्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं। जिले में जहां झलप और पटेवा ब्लॉक मुख्यालय के लिए खींचतान व आंदोलन कर रहे हैं। वहीं दोनों स्थानों पर धरना-आंदोलन का दौर शुरू हो गया है। वहीं सरायपाली विकासखंड में बलौदा भी विकासखंड के लिए दावेदारी कर रहा है। सांकरा के लोग बसना से पृथक कर सांकरा को विकासखंड व तहसील बनाने की मांग कर रहे हैं। विकासखंड व तहसील पुनर्गठन में राजनीतिक उठापटक व दावपेंच भारी पड़ने लगा है। खींचतान का यही हाल रहा तो विकासखंडों का पुनर्गठन खटाई में पड़ सकता है।
नए ब्लॉकों की स्थिति एक नजर में...
प्रस्तावित पटेवा विकासखंड
महासमुंद विकासखंड में वर्तमान में 96 ग्राम पंचायत व 191 गांव शामिल हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2 लाख 4 हजार 768 है। इसके अंतर्गत प्रस्तावित नए विकासखंड पटेवा में इनमें से 45 ग्राम पंचायतों और 110 गांवों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। पटेवा को 110 गांवों का केंद्र बिंदु माना गया है। इसमें सिरपुर क्षेत्र से लेकर झारा और पाली तक तथा जामपाली से नवागांव तक की पंचायतें शामिल हैं। रायतुम, सिरपुर, जलकी, बावनकेरा, सोरम, झारा, पाली आदि दूरस्थ क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के लिए पटेवा को केंद्र बिंदु माना जाता है। वहीं झलप, बावनकेरा, बरेकेलकला, नरतोरा आदि ग्राम पंचायतों की दूरी पटेवा से 10 से 12 किमी होने से पटेवा को भौगोलिक दृष्टि से उपयुक्त स्थल माना गया है।
प्रस्तावित कोमाखान विकासखंड
बागबाहरा विकासखंड को दो भाग में विभक्त कर कोमाखान को नए विकासखंड बनाए जाने का प्रस्ताव है। 95 ग्राम पंचायत वाले बागाबाहरा विकासखंड में वर्तमान में 240 गांव हैं। यहां की आबादी 1 लाख 70 हजार 740 है। इनमें से कोमाखान ब्लाक में 47 ग्राम पंचायत और 119 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव है। करीब 82 हजार की आबादी को नए विकासखंड से लाभ मिलेगा। दूरस्थ अंचल के गांवों को नजदीक में ब्लाक मुख्यालय मिलने से ग्रामीण विकास में तेजी आएगी। दूरस्थ अंचल का केंद्र बिंदु होने से कोमाखान को विकासखंड बनाए जाने की मांग वर्षों से की जाती रही है। हालाकि, तेंदूकोना भी विकासखंड बनाने की मांग वर्षों से करता रहा है। लेकिन, भौगोलिक दृष्टि से तेंदूकोना का दावा खारिज हो गया है।
प्रस्तावित पिरदा विकासखंड
पिथौरा और बसना विकासखंड में क्रमशः 108 और 93 ग्राम पंचायतें व 249 और 215 गांव हैं। भौगोलिक स्थिति और आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखकर दोनों विकासखंडों के क्रमशः 26 और 25 ग्राम पंचायतों को शामिल कर पिरदा को नया विकासखंड बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। बसना क्षेत्र में एनएच-53 पर स्थित सांकरा भी विकासखंड मुख्यालय का प्रबल दावेदार रहा है। किंतु, भौगोलिक स्थिति और जनसुविधा को ध्यान में रखकर पिरदा को विकासखंड बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इस नए विकासखंड में 51 ग्राम पंचायत के अधीन 146 गांव शामिल होंगे। इससे दूरस्थ अंचल के ग्राम पंचायतों को नजदीक में विकासखंड मुख्यालय मिल सकेगा।
प्रस्तावित छुईपाली विकासखंड
सरायपाली विकासखंड को दो भाग में बांटकर छुईपाली को नया विकासखंड बनाने का प्रस्ताव है। सरायपाली में वर्तमान में 99 ग्राम पंचायत अंतर्गत 238 गांव शामिल हैं। इनमें से 45 ग्राम पंचायतों के 130 गांवों को नए विकासखंड में शामिल करने का प्रस्ताव है। छुईपाली के नया विकासखंड बनने से करीब 75 हजार लोगों को इसका लाभ मिलेगा। नजदीक में ब्लॉक मुख्यालय होने से विकास में तेजी आएगी। सरायपाली के दूरस्थ अंचल में स्थित बलौदा की दावेदारी भी विकासखंड मुख्यालय के लिए रही है। जिसे भौगोलिक कारणों से अस्वीकार कर दिया गया है। बलौदा को विकासखंड बनाने की मांग क्षेत्र के ग्रामीण कर रहे हैं।