0 सीएमडी ने भू-विस्थापितों को किया आश्वस्त
0 स्कूल, चिकित्सालय समेत होगी अन्य सुविधा
कोरबा। नईदुनिया प्रतिनिधि
खदान प्रभावित गांव को विस्थापन के बाद मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गांवों में सर्वसुविधा प्रदान की जाएगी। गांव विलुप्त न हो इसके लिए पुनर्वास ग्राम का नाम भी विस्थापित गांव के नाम पर होगा। सीएमडी के साथ हुई बैठक भू-विस्थापितों ने पात्र लोगों को नौकरी जल्द दिलाने का प्रस्ताव रखा। सीएमडी ने आश्वस्त किया कि खदान के लिए जमीन देने वाले प्रभावितों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा।
एसईसीएल गेवरा, दीपका तथा कुसमुंडा खदान से प्रभावित ग्राम के विस्थापित अपनी मांग को लेकर प्रबंधन के साथ लगातार वार्ता कर रहे हैं, पर समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है। सांसद डॉ. बंशीलाल महतो की पहल पर भू-विस्थापितों ने सीएमडी बीआर रेड्डी से चर्चा कर नौकरी, मुआवजा संबंधित अपनी सभी समस्याओं से सीएमडी को अवगत कराया। सांसद डॉ. महतो ने सीएमडी से कहा कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भू-विस्थापितों की समस्या को गंभीरतापूर्वक विचार कर पूरा किया जाना चाहिए। कोल कमेटी में प्रस्ताव पारित कर इन समस्याओं का समाधान हो। उन्होंने कहा कि पात्र भू-विस्थापितों को एसईसीएल में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी प्रदान की जाए, क्योंकि एसईसीएल जमीन का अधिग्रहण कर चुका है। ऐसी स्थिति में जीविकोपार्जन की दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही पुनर्वास के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराई जानी चाहिए। पुनर्वास ग्राम में सभी प्रकार की सुविधाएं, बच्चों को पढ़ने स्कूल, स्वास्थ्य सुविधा के डिस्पेंसरी, सड़क, बिजली पानी समेत अन्य सुविधा होनी चाहिए। इन गांवों को मॉडल रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पोंड़ी, बाम्हनपाठ, अमगांव, भठोरा जैसे गांव विलुप्त हो रहे हैं। यह उचित नहीं है, इसलिए बसाहट गांव का नाम भी दिया जाना चाहिए। इस मौके पर सीएमडी श्री रेड्डी ने आश्वस्त किया कि सभी समस्या का निदान जल्द कराने का प्रयास किया जाएगा। भू-विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भू-विस्थापित दर-दर की ठोकर खाने मजबूर हैं। यदि समस्या का निदान नहीं किया गया, तो मजबूरन उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। बैठक में निदेशक कार्मिक डॉ. आरएस झा, महाप्रबंधक एसके पाल, ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार राठौर, मंजीत यादव समेत संगठन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।