नेत्रदान से दो लोगों को मिलती है रोशनी : आडवाणी
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम में कदम फाउंडेशन व नेत्र विशेषज्ञ ने नेत्रदान के लिए जागरूक किया।
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Fri, 12 Jan 2024 12:03:47 AM (IST)
Updated Date: Fri, 12 Jan 2024 12:03:47 AM (IST)

करगीरोड-कोटा(नईदुनिया न्यूज)। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम में कदम फाउंडेशन व नेत्र विशेषज्ञ ने नेत्रदान के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि नेत्रदान के लिए कार्निया प्रत्यारोपण नेत्रदाता की मृत्यु के छह घंटे के भीतर ही संभव है, इस प्रकार विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर सभी शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्राओं ने स्वेच्छा से नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कदम फाउंडेशन के संस्थापक सुनील आडवाणी ने बताया कि समाज के प्रति जीने वाला व्यक्ति ही वास्तव में इंसान है। नेत्रदान में दानदाताओं की आंखों की बाहरी झिल्ली नुमा पारदर्शी स्वच्छ कार्निया को उनकी मृत्यु के बाद ग्रहण किए जाते हैं और इन्हें नेत्रहीन व्यक्ति में प्रत्यारोपित कर नेता ज्योति प्रदान की जाती है । इस प्रकार एक व्यक्ति के नेत्रदान द्वारा दो लोगों को के जीवन में रोशनी प्रदान की जाती है।
बताया गया नेत्र मानव जीवन की पांच ज्ञानेन्द्रियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण संवेदनशील शील अंग है जो प्रकृति की रचना, समाज, परिवार जगत में जीवन को उत्कृष्टता के साथ-साथ सार्थक उपयोगिता को पूर्ण करता है। नेत्र हीनता मानव जीवन को इनसे वंचित करता है, और ऐसी जीवन में नेत्रदान से जीवन को नई रोशनी प्रदान करता है। इस संकल्प को कदम फाउंडेशन पूरे समर्पण भाव से आगे बढ़ कर सेवा कार्य व जन जगरूकता अभियान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कदम फाउंडेशन द्वारा विद्यालय परिवार के द्वारा विद्यालय में नेत्रदान जागरूकता महा अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। ततपश्चात संस्था द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। संस्था की प्राचार्य आशा दत्ता, विद्यालय परिवार एवं कम फाउंडेशन के संस्थापक सुनील आडवाणी , धर्मेंद्र देवांगन नेत्र विभाग सिम्स, विश्वनाथ गुप्ता पप्पू, डा़. चन्द्रशेखर गुप्ता, व्याख्याता शासकीय डीकेपी कोटा, ज्ञानेश गुप्ता, संजय देवांगन नेत्र सहायक बेलगहना के द्वारा नेत्रदान पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए गए। सिम्स के नेत्र विभाग के विशेषज्ञ धर्मेंद्र देवांगन ने बताया कि मृत्यु के एक घंटे से छह घंटे के भीतर कार्निया को निकाला जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि विश्वनाथ गुप्ता ने नेत्रदान में प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य आम लोगों तक जन जागरूकता कर इसकी भ्रांति व शंकाओं को दूर करते हुए पुनीत कार्य में सबका सहयोग लेना महत्वपूर्ण है, इसके लिए हमें आशावादी होकर कार्य करना चाहिए तो इस पुण्य कार्य में सफलता निश्चित है। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डा़ चंद्रशेखर गुप्ता ने बताया कि जीते जी इंसान कई कर्म करता है लेकिन मृत्यु से पूर्व यदि वह अपने नेत्र या शरीर का कोई अंग दान करता है तो इससे बड़ा कोई पुण्य फल नहीं है। इस अवसर पर प्राचार्य आशा दत्ता ने बताया कि नेत्रदान संबंधी जानकारी सर्वप्रथम हमें अपने जीवन में अपने परिवार में साझा करते हुए अपने आसपास मोहल्ले और फिर इसका विस्तार करते हुए इसे स्वेच्छा से किया गया एक महान जन अभियान बनाना चाहिए। लोगों की आम धारणा और शंकाओं का समाधान कर ही हम इस पुनीत कार्य का महत्व बताकर आम जन मानस को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने नेत्रदान को जीवन का श्रेष्ठ व पुनीत कार्य बताते हुए कदम फाउंडेशन की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डा़ रामबाबू गुप्ता व्याख्याता ने किया।
विशेषज्ञ टीम द्वारा छात्राओं के प्रश्नों का समाधान किया गया, छात्रात्रों में अपूर्व उत्साह व प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा साथ ही जन जागरूकता गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जीएस केसर, वीएन पालके, अर्पणा लाल, डा. आरबी गुप्ता, एसके साहू, रमेश सिंह सहित सभी व्याख्याता, शिक्षक व बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।