नईदुनिया प्रतिनिधि, रायगढ़: धरमजयगढ़ वनमंडल के लैलूंगा वन परिक्षेत्र में हाथियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार की रात एक हथिनी ने उत्पात मचाया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हथिनी के हमले से वन परिक्षेत्र के अलग-अलग गांवों में तीन ग्रामीणों की जान गई है।
मृतकों में एक मासूम बालक, एक महिला और एक ग्रामीण शामिल हैं। हथिनी ने मकान को तोड़ा और ग्रामीणों को निशाना बनाया। ग्रामीणों के अनुसार एक हथिनी गांव में घुसी और कच्चे मकान पर हमला कर दिया। इसकी जानकारी होने पर ग्रामीणों में भय का माहौल निर्मित हो गई और अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगे। इसी दौरान हाथिनी ने ग्रामीणों पर हमला किया।
ग्राम गोसाईडीह गांव में हथिनी ने 3 साल के बालक सत्यम रावत को सूंड से उठाकर पटक दिया, इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद हथिनी ने मोहनपुर गांव में संतरा बाई (45) को सूंड से उठाया और पटक-पटककर मार डाला। हथिनी ने इसी ग्राम में ग्रामीण पुरुषोत्तम प्रधान (48) के मकान पर हमला किया। मकान का दीवार गिरने से मलबे की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
लगातार हाथियों के हमले से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि वन विभाग द्वारा समय पर चेतावनी या सुरक्षा नहीं किए जाने से ग्रामीणों की जान जा रही है। लोगों ने रात गश्त, वन सुरक्षा दल और त्वरित अलर्ट सिस्टम की मांग की है।
बलरामपुर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नवकी के सरनापारा स्थित गेउर नदी में बुधवार सुबह अधेड़ व्यक्ति का शव मिला है। यह शव झाड़ियों के बीच फंसा हुआ था। सूचना मिलते ही राजपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकालकर जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान ग्राम नवापारा लड्डुआ निवासी अघना गोड़ के रूप हुई यह अपने घर से रविवार को निकला था।
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एसडीओपी इमानुएल लकड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार सुबह करीब 9:30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि गेउर नदी में एक व्यक्ति का शव झाड़ियों में फंसा हुआ दिखाई दे रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई।