0 आम फसल उत्पादक किसानों का उद्यानिकी में होगा पंजीयन
0 उत्पादित आम का होगा अपेडा के माध्यम से विभिन्न देशों में निर्यात
रायगढ़ । नईदुनिया न्यूज
जिले के आम फसल उत्पापदकों के लिए अब आम का वृहद बाजार मिलेगा। इसके लिए केन्द्र सरकार के अधीन कार्य करने वाली संस्था अपेडा द्वारा उत्तम किस्म के आम की फसलों को बाजार मुहैया कराया जाएगा। जिसमें कलमी, दशहरी जैसे आम प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। इसके लिए जिले के आम उत्पादक किसानों को 31 जनवरी के पहले-पहले उद्यानिकी विभाग में पंजीयन कराना होगा।
जिले के आम उत्पादक किसानों को अपने आम बेचने के लिए बाजार खोजने की आवश्यकता नहीं होगी। आम उत्पादन किसान जो कलमी व दशहरी जैसे उत्तम क्वालिटी के आम का उत्पादन करते हैं लेकिन उन्हें बाजार के अभाव में अच्छी आय नहीं हो पाती है। लेकिन अब शासन के अधिनस्थ संस्था अपेडा यानि कृषि एवं अप्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यातक विकास प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न देशों में आम का निर्यात किया जाएगा। इससे जिले के कलमी व दशहरी जैसे उच्च क्वालिटी के आम उत्पादकों को अच्छी आय प्राप्त हो सकेगी। मिली जानकारी के अनुसार ऐसे किसान जो कलमी व दशहरी जैसे उच्च क्वालिटी के आम का उत्पादन करते हैं लेकिन बाजार के अभाव में वे औने पौने दाम पर अपनी फसल को बेचने को मजबुर रहते थे लेकिन अब उनके ऐसे आम के उत्पाद देश के बाहर भी निर्यात हो सकेंगे। जिले के ऐसे आम उत्पादक किसानों के लिए न सिर्फ एक बड़ा बाजार मिल सकेगा बल्कि उनकी फसल का अच्छा मुनाफा भी मिल सकेगा। हालाकि विभागीय अधिकारी यह मान रहे हैं कि जिले के आम उत्पादक किसानों को अच्छे क्वालिटी के आम के उत्पादन के तौर तरीकों से सीखना होगा अब तक ऐसे किसान बाहर निर्यात करने की मंशा से या बाजार न मिलने की स्थिति में सामान्य तरीके से ही आम का फसल करते हैं। माना जा रहा है कि जब किसानों को ऐसे आम की फसल का जब अच्छा बाजार मिलेगा तब किसान अपने आप आम की फसल की ओर रुख करेंगे। अधिकारियों की मानें तो ऐसा होने किसान कलमी व दशहरी व अन्य दूसरी उच्च किस्म के आम पैदावार की ओर रुझान बढ़ेगा और आने वाले समय में जिले में ऐसे आमों की अच्छी पैदावार हो सकेगी।
पंजीयन के बाद अपेडा करेगी निरीक्षण
कलमी व दशहरी जैसे आम के उत्पादक किसानों का पंजीयन के उपरांत अपेडा ऐसे किसानों के आम के बगीचे का निरीक्षण करेगी। जिसमें उन्हें अपेडा के तयशुदा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल सहित विभिन्न मानकों का पालन करने के तौर तरीकों को बताया जाएगा ताकि बाहर देशों में आम का निर्यात करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो और आम की क्वालिटी उच्च स्तर की हो। मिली जानकारी के अनुसार आम उत्पादक किसानों को मानक स्टेण्डर्ड का पालन करना होगा।
35 हजार मिट्रिक टन से अधिक आम का उत्पादन
जिले में उद्यानिकी विभाग की मानें तो 35 हजार 188 मिट्रिक टन के करीब आम का उत्पादन होता है लेकिन कलमी व दशहरी जैसे उच्च क्वालिटी के आम का उत्पादन करीब 175 मिट्रिक टन के आस-पास होता है। लेकिन उन्हें इतने ही आम के उत्पादन का सही बाजार नहीं मिल पाता है। जिले में यदि आम की उत्पादन का रकबा देखें तो 7108 हेक्टेयर है और कलमी व दशहरी जैसे उच्च क्वालिटी के आम उत्पादन का रकबा करीब 35 हेक्टेयर ही है। लेकिन जब किसानों को अपेडा द्वारा कलमी व दशहरी जैसे उच्च क्वालिटी के आम की खरीदी की शुरुआत होगी तब इस तरह के आम के उत्पादन का रकबा बढ़ने लगेगा। फिलहाल कि सानों आगामी वर्ष में अपने कलमी व दशहरी किस्म के आम को अपेडा के माध्यम से निर्यात शुरू होने पर न सिर्फ ऐसे किसानों की आय में वृद्घि होगी बल्कि दूर देशो में जिले का नाम भी होगा।
जिले के विशेष तौर पर कलमी व दशहरी किस्म के आम उत्पादों को बाहरी देशों में अपेडा के माध्यम से निर्यात के लिए पंजीयन कराना होगा। इसके लिए जिले के आम उत्पादक किसानों को 31 जनवरी 2017 के पहले पंजीयन कराना होगा।
एनएस कुशवाहा
उप संचालक, उद्यानिकी