0 पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी भी थे संविधान-सभा के सदस्य
0 संविधान दिवस पर कोई पूछपरख तक नहीं
नईदुनिया एक्सक्लुसिव
रायगढ़ । नईदुनिया न्यूज
संविधान दिवस को जिला प्रशासन और कईसंगठनों द्वारा जोर शोर से जिले में मनाया गया। कहीं रैली तो कहीं सभा की गई लेकिन शहर के ही उस शख्सियत को भूल गए जो संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे। उनकी सुधि न तो प्रशासन ने लिया और न ही संस्था ने।
26 नवंबर को भारतीय संविधान सभा ने देश को भारत का संविधान दिया था। रायगढ़ शहर की नयी पीढ़ी को शायद यह मालूम नहीं होगा पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी भी भारतीय संविधान सभा (1947-1950) के सदस्य थे। वे संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के भी सदस्य थे जिसके अध्यक्ष बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर थे। बाल श्रम को रोकने तथा गांधी जी के ग्राम स्वराज के अनुरूप पंचायती राज स्थापना जैसे विषयों को शामिल करने में पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी की काफी अहम भूमिका रही है। संविधान की मूल प्रति में संविधान सभा के अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ पं।किशोरी मोहन त्रिपाठी के भी हस्ताक्षर है। उल्लेखनीय है कि पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी का जन्म 8 नवम्बर 1912 को तत्कालीन सारंगढ़ रियासत के एक छोटे से गांव सरिया में एक शिक्षक परिवार में हुआ था। एवं 25 सितम्बर 1994 को रायगढ़ में उनका निधन हो गया था। लेकिन इन बातों को विस्मृत किया जा रहा है। यदि उनके शहर में ही उनको सम्मान देने या संविधान दिवस के दिन उन्हें याद करने वाला न मिले तो यह हैरत और पीड़ा देने वाली हो जाती है। खासकर जब इस दिवस को जिला प्रशासन मनाए और उसमें सभी लोगों की सहभागिता दर्ज हो।
कांग्रेस ने जिला प्रशासन को लिया आड़े हाथ
कांग्रेस के नेता अनिल अग्रवाल ने जिला प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन को बीजेपी नेताओं की आवभगत करने से फुर्सत ही नहीं है जो इस तरह की बातों पर ध्यान दे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कुछ दिन पहले यहां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वारेन बनर्जी का जन्मशती मनाया जा रहा था जहां प्रशासन को कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। हालांकि उनके परिवार के लोग किसी से इस बात की शिकवा शिकायत नहीं करते पर उन्हें यह जरूर लगता है कि जो जिले के गौरव हैं। पिछले सप्ताह राज्यसभा टीवी द्वारा एक कार्यक्रम दिखाया गया था जिसमें पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी के अवदानों के वारे में बताया भी गया था।
रायगढ़ के पहले सांसद थे पंडित त्रिपाठी
पंडित त्रिपाठी न सिर्फ संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे बल्कि रायगढ़ लोकसभा के पहले सांसद भी थे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी। लेकिन जिला प्रशासन किसी भी मौके पर इनके परिवार को तरजीह नहीं देती।हो सकता है कि इस मामले में जिला प्रशासन के प्रमुख को जानकारी न हो लेकिन उनके मातहतों को इस संबंध में तो जानकारी होगी।
अंबेडकर ने भी की थी तारीफ
बाबा साहेब अंबेडकर ने भी संविधान निर्माण में पंडित त्रिपाठी द्वार किए गए योगदान की तारीफ की गई थी। ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य के बतौर उनके हस्ताक्षर आज भी मूल संविधान पत्र में मौजूद हैं।
जनसंगठन भी अनजान
कईस्थानीय जनसंगठनों ने भी संविधान दिवस मनाया और बाबा साहेब अंबेडकर के अवदानों के लिए उन्हें याद किया। यही नहीं इस मौके पर रैली और ज्ञापन का भी दौर चला लेकिन अपने ही शहर के सपूत को भूला दिया। कई संगठनों को यह पता भी नहीं था कि पंडित त्रिपाठी का संविधान निर्माण में क्या योगदान है। संगठनों ने हालांकि यह माना कि उन्हें पंडित त्रिपाठी को याद करना था पर उन्हें इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं थी।
नहीं उठाया फोन
मामले पर जिला प्रशासन का पक्ष जानने जब हमने कलेक्टर रायगढ़ को फोन लगाया तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया। इसलिए मामले पर प्रशासन का पक्ष नहीं लिया जा सका।