
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायगढ़। जिले के आदिवासी अंचल तमनार से आज एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। तमनार ब्लॉक में प्रस्तावित गारे-पेलमा कोल ब्लॉक सेक्टर-1 की जनसुनवाई का ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए निरस्त करने की मांग की है। 14 गांवों के ग्रामीण इस मांग को लेकर तमनार में पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं।
शनिवार को पुलिस टीम धरना हटाने के लिए पहुंची थी, जहां ग्रामीणों का आंदोलन उग्र रूप अख्तियार कर गया। इस तनावपूर्ण माहौल में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बस और कार फूंक दी। महिला थानेदार को घेरकर जमकर लात-घूंसे मारे गए, जिससे वह घायल हो गईं। उग्र हिंसा के बीच कानून व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस कप्तान सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौके पर डटी हुई है, जबकि जिला मुख्यालय एवं पड़ोसी जिले से अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है।

बता दें कि ग्रामीण पिछले 15 दिनों से कोयला खदान की जनसुनवाई का विरोध कर रहे हैं। जिले के अन्य कोयला खदान प्रभावित क्षेत्रों से भी लोग समर्थन देने पहुंच रहे हैं। कोयला खदान आवंटन के विरोध की चिंगारी धीरे-धीरे आंदोलन में बैठे लोगों को सुलगा रही थी।
शनिवार को आंदोलनकारियों को हटाने की मंशा से पुलिस टीम आगे बढ़ी और जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया। इलाके में छावनी जैसा माहौल नजर आने लगा और पुलिस पूरी तैयारी में दिखी। इस दौरान कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई। इसी बीच हिंसा भड़क उठी। सुबह तक जो आंदोलन शांतिपूर्ण लग रहा था, वह देखते ही देखते उग्र हो गया।

जिंदल कोयला खदान के विरोध में डटे ग्रामीणों और पुलिस के बीच उग्र झड़प हो गई, जब पुलिस की टीम प्रदर्शनकारियों को समझाने और रास्ता साफ कराने पहुंची। पुलिस को देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और भीषण पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान भीड़ ने ड्यूटी पर तैनात महिला टीआई कमला पुसाम को घेर लिया। देखते ही देखते महिलाओं ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और लात-घूंसे बरसाए।

इससे महिला टीआई खुद को बचा नहीं पाईं और बुरी तरह लहूलुहान हो गईं। मौके पर उन्हें पानी पिलाया गया और चेहरे पर पानी छींटा गया। उधर, प्रसारित वीडियो में कुछ महिलाएं उन्हें घूसखोर बताकर नाटक करने की बात कहती नजर आईं। हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।
तमनार आंदोलन स्थल से कई दिल दहला देने वाले वीडियो सामने आए हैं, जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सिर्फ पुलिस तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने मौके पर खड़ी एक बस और एक कार को आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि ये वाहन पुलिस के हैं, जबकि एक कार एसडीएम की बताई जा रही है। जलते वाहनों से उठता धुआं और चीख-पुकार वहां के तनावपूर्ण हालात को बयां कर रहे हैं।
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तमनार ब्लॉक में जिंदल पावर लिमिटेड को आबंटित कोयला खदान की जनसुनवाई 8 दिसंबर को धौराभांठा मैदान में हुई। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। ग्रामीण नहीं चाहते कि इस क्षेत्र में कोई भी कंपनी या कोयला खदान खुले। उनका कहना है कि इससे प्रदूषण बढ़ेगा और उनके जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। दुर्घटनाएं और अन्य समस्याएं भी बढ़ेंगी।
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि यह जनसुनवाई फर्जी तरीके से अपने लोगों के माध्यम से समर्थन दिलवाने के लिए कराई गई। वहीं प्रभावित लोगों को मौके पर जाने से रोका गया। इस मुद्दे पर स्थानीय कांग्रेस विधायक विद्यावति ने भी आपत्ति जताई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी यह मामला उठ चुका है।