छत्तीसगढ़ में 14 नई सिंचाई परियोजनाओं को मिली मंजूरी, 1 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षमता में होगी वृद्धि
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल की 33वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रदेश में 14 नई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इससे प्रदेश में एक लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
Publish Date: Sat, 15 Nov 2025 04:07:49 PM (IST)
Updated Date: Sat, 15 Nov 2025 04:10:55 PM (IST)
नई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी (फाइल फोटो)HighLights
- 56 प्रतिशत तक सिंचाई क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य
- राज्य में अभी सिंचाई क्षमता 21.40 लाख हेक्टेयर
- एक लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ेगी
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: राज्य सरकार ने प्रदेश की 14 नई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना मंडल की 33वीं बैठक में ये निर्णय लिया गया। राज्य में अभी सिंचाई क्षमता 21.40 लाख हेक्टेयर है। हालांकि वास्तविक सिंचाई 11 लाख हेक्टेयर में ही हो रही है।
राज्य गठन के समय प्रदेश में सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर रही है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ बनाने के लिए मंथन के बाद नई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इन परियोजनाओं के माध्यम प्रदेश में लगभग एक लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी।
जिलावार जानें सिंचाई की नई परियोजनाएं
- बस्तर: देउरगांव बैराज सह उदवहन सिंचाई परियोजना और मटनार बैराज सह उदवहन सिंचाई परियोजना।
- रायपुर( आरंग): महानदी पर मोहमेला–सिरपुर बैराज योजना, खारंग–अहिरन लिंक परियोजना और अहिरन से गाजरीनाला जल संवर्धन निर्माण कार्य।
- बिलासपुर (कोटा ):छपराटोला फीडर जलाशय परियोजना, कुम्हारी जलाशय जल क्षमता वृद्धि योजना और समोदा बैराज से कुम्हारी जलाशय तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य।
- दुर्ग (धमधा): सहगांव उद्वहन सिंचाई योजना, खैरागढ़–छुईखदान–गंडई जिला और लमती फीडर जलाशय एवं नहरों का निर्माण।
- राजनांदगांव: मोहारा एनीकट में पेयजल के लिए चौकी एनीकट से मोहारा एनीकट तक पाइपलाइन द्वारा जल प्रदाय योजना।
- जशपुर: मैनी नदी पर बगिया बैराज सह दाबयुक्त उद्वहन सिंचाई परियोजना
- जांजगीर–चांपा: (हसदेव बांगों परियोजना अंतर्गत स्वीकृति), परसाही दाबयुक्त उद्वहन सिंचाई परियोजना (वृहद परियोजना आगमेंटेशन)
- कोरबा: मड़वारानी बैराज निर्माण सह उदवहन सिंचाई योजना।
- गरियाबंद: पैरी परियोजना, सिकासार जलाशय से कोडार जलाशय लिंक नहर (पाइपलाइन) योजना।
- बिलासपुर: खारंग जलाशय योजना की बाईं तट नहर के आर्वधन के लिए पाराघाट व्यपवर्तन योजना से उद्वहन फीडर सिंचाई निर्माण कार्य।
किसानों की आय में वृद्धि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता: विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से सिंचाई नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई रकबा बढ़ने से न केवल किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि भूजल स्तर में सुधार होगा और पेयजल आपूर्ति को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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बैठक में सरगुजा, बस्तर सहित मैदानी इलाकों तक सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर व्यापक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं की रूपरेखा, लागत और उनके लाभों की विस्तृत जानकारी ली और कहा कि प्रदेशभर में संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए इन परियोजनाओं को गति प्रदान की जाएगी।
बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उइके सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।